लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों की आवश्यक और महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर कार्य निरन्तर जारी रखने के निर्देश दिए हैं। परियोजनाओं का कार्य अवरुद्ध होने से उनकी लागत बढ़ जाती है तथा जनता को समय से इनका लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि आवश्यक निर्माण परियोजनाओं के लिए धन की कमी नहीं होनी दी जाएगी। उन्होंने पूर्णता की ओर अग्रसर निर्माण परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर तेजी के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण परियोजनाओं में श्रमिकों/कामगारों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं। उन्होंने सभी परियोजनाओं में कोरोना संक्रमण से बचाव के समस्त उपाय अपनाते हुए कार्य सम्पादित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर विभिन्न विभागों की 25 करोड़ रुपए से अधिक लागत की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों/कामगारों को अधिक से अधिक रोजगार सुलभ कराने के लिए श्रम सुधार किए गए हैं। श्रमिकों/कामगारों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्यवाही भी की जा रही है। इन श्रमिकों/कामगारों का आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण कराकर कार्य लिया जाए। उन्होंने कहा कि समय से समुचित कदम उठाने से निर्माण परियोजनाएं निर्धारित अवधि में पूर्ण की जा सकती हैं। इसके दृष्टिगत कार्ययोजना बनाकर निर्माण परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत बरसात में भी जारी रखे जा सकने वाले कार्यों को चिन्हित कर लिया जाए, जिससे वर्षा ऋतु में भी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा होती रहे। कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ किसी भी दशा में समझौता नहीं होना चाहिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, यूपीडा, नगर विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग आदि में निर्माणाधीन 25 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने तथा उन्हें पूरी गुणवत्ता और समयसीमा में पूर्ण करने पर बल दिया।
सिंचाई विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ नियंत्रण के दृष्टिगत डेªजिंग कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी समस्त कार्यों को प्रत्येक दशा में 15 जून, 2020 तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कटान रोकने सम्बन्धी कार्यों को भी शीघ्रता से पूर्ण करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने यूपीडा की परियोजनाओं की समीक्षा की। गंगा एक्सप्रेस-वे के सम्बन्ध में शीघ्रता से निर्णय लेते हुए कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 45 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो गया है। लाॅक डाउन के बावजूद यह परियोजना निर्धारित समय से पहले पूर्ण कर ली जाएगी। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य समयबद्ध ढंग से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। इसके लिए हुडको द्वारा 2900 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में निर्माणाधीन मेडिकल काॅलेजों की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने मेडिकल काॅलेजों के निर्माण की गति बढ़ाने के लिए श्रमिकों/कामगारों के अधिकाधिक नियोजन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही में गति लायी जाए। प्रत्येक मण्डल में अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्यों को शीघ्रता से प्रारम्भ किया जाए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियोजन एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन कुमार कमलेश, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह तथा यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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