मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पांच अगस्त को भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। कोरोना महामारी के कारण इस कार्यक्रम में काफी कम लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस कारण कई लोगों में नाराजगी है।
इसे दूर करने के लिए लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एक नई योजना बनाई है। इस योजना के मुताबिक, कोरोना महामारी खत्म होने के बाद कार सेवकों के लिए ‘राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण यज्ञ’ के नाम से एक विशाल आयोजन किया जाएगा। पांच अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन के लिए मात्र 200 लोगों को आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राम मंदिर आंदोलन के सबसे प्रमुख चेहरा रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी अयोध्या जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य राज्यों के सीएम भी इस दौरान मौजूद रह सकते हैं। हालांकि अभी तक कार्यक्रम में शामिल होने वाली की लिस्ट सामने नहीं आई है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी और कुछ उद्योगपति भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस कारण पुलिस की गोलीबारी में जान गंवाने वाले कार सेवकों के परिजनों को निमंत्रण देने की कोई गुंजाइश नहीं बच रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को कार सेवकों से धैर्य बनाए रखने और कोरोना महामारी के खत्म होने का इंतजार करने की अपील की।चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में बड़ी संख्या में कार सेवकों ने योगदान दिया था। वे सभी भूमिपूजन के लिए अयोध्या आना चाहते हैं। हम भी यही चाहते थे, लेकिन वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा भूमिपूजन आवश्यक है।
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वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें