मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। वाह यूपी पुलिस जिसके कारण बार-बार योगी सरकार की फजीहत हो रही है। फिर भी चर्चा यही है कि मुख्यमंत्री अधिकारियों पर जितना भरोसा करते हैं उसका दस प्रतिशत भी कार्यकर्ताओं की नहीं करते। परिणामस्वरूप कानून व्यवस्था पर बार-बार सरकार की फजीहत ही रही है। कानपुर में बिकरु गांव के विकास दुबे से जुड़ी घटना हो, अमेठी की महिला का लोकभवन तक आकर आत्मदाह की कोशिश या फिर गाजियाबाद में अपराधियों द्वारा पत्रकार की गोली मार कर हत्या का प्रकरण हो सबमें खराब पुलिसिंग ही दोषी दिखती है।
राजनैतिक रूप से हाईप्रोफाइल गाजियाबाद और अमेठी के मामलों में खराब पुलिसिंग से सरकार विपक्ष के निशाने पर है। लखनऊ में लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली अमेठी के महिला की मौत हो या गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या पुलिस यदि समय रहते ध्यान दे देती तो शायद पीड़ितों की मौतें न होती। जमीनी विवाद में न्याय न मिलने से परेशान होकर अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की मां-बेटी ने शुक्रवार को सीएम कार्यालय लोकभवन के सामने खुद को आग लगा ली थी। जिसमें मां सोफिया 90% से अधिक और बेटी गुड़िया करीब 10% जल गई थी। दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार सुबह सोफिया की मौत हो गई। इन सबका अपने गांव के कुछ लोगों से जमीन व पानी निकासी का विवाद चल रहा है। बार-बार जिलामुख्यालय अमेठी और मंडल मुख्यालय अयोध्या का चक्कर काटने के बाद भी इन्हें स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिला। व्यवस्था से निराश होकर दोनों ने राजधानी में आत्मदाह करने का धातक कदम उठा लिया। घटनास्थल क्षेत्र के एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा के मुताबिक इन दोनों के आत्मदाह के प्रयास के बारे में कोई सूचना नहीं थी। अमेठी पुलिस व प्रशासन ने भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी थी। गुड़िया से यह पता चला कि जामो में उनकी पैतृक जमीन है। इस पर कब्जा व पानी निकासी को लेकर कुछ लोगों से विवाद चल रहा है। ये लोग कई बार परेशान हो चुके हैं। कुछ दिन पहले भी दोनों पर हमला किया गया था। सीओ के अनुसार पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि नाली विवाद में न्याय के लिए लोकभवन के सामने आत्मदाह के लिए उकसाया गया था। इस आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुख्य अभियुक्त अर्जुन साहू समेत सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने अभियुक्तों पर 166/20 धारा 354, 323, 504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था। दूसरा प्रकरण गाजियाबाद के विजयनगर की है।जहां रविवार को इलाके के बदमाशों ने छेड़खानी का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी को पहले जी भर कर पीटा और बाद में गोली मार दी। मंगलवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। वारदात के वक्त बाइक पर पत्रकार की दो बेटियां भी बैठी थीं। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पत्रकार विक्रम जोशी के भाई अनिकेत के मुताबिक रविवार की रात करीब 10:30 बजे उनका भाई अपनी दो बेटियों के साथ बाइक से घर जा रहे थे। माता कॉलोनी में अग्रवाल स्वीट्स के पास छोटू पुत्र कमालुद्दीन, आकाश विहारी और रवि पुत्र मातादीन अपने कुछ साथियों के साथ आए और उनके भाई के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपियों में से छोटू ने तमंचा निकालकर विक्रम के सिर में गोली मार दी।
अनिकेत ने बताया कि बदमाशों ने वारदात से तीन दिन पहले भी उनके भाई को जान से मारने की धमकी दी थी। उस समय विक्रम ने पुलिस को सूचित भी किया था, लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में लिया। इससे बदमाशों का हौसला बढ़ गया और रविवार को विक्रम को गोली मार दी। पुलिस ने इस मामले में रवि,छोटू, मोहित, दलवीर, आकाश उर्फ लुल्ली, योगेंद्र, अभिषेक हकला, अभिषेक मोटा और शाकिर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि पूरी वारदात मौके पर लगे सीसीटीवी में कैद हुई है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि बदमाश किस तरह से मारपीट करते हैं और बाद में गोली मारते हैं। इसमें बदमाश गोली मारने के बाद भी पत्रकार को पीटते नजर आ रहे हैं। कैमरे में कैद यह वारदात बेहद भयावह है। इसी फुटेज को देखकर पुलिस ने तीन नामजद समेत कुल पांच आरोपियों की पहचान की है। वहीं बाकी आरोपियों की पहचान पकड़े गए आरोपियों की निशान देही पर हुई है।