चित्रकूट जेल में मारा गया गैंगस्टर मेराज गाजीपुर के पैतृक गांव में दफनाया गया

0
525

भारी फोर्स की मौजूदगी में तार तार हुई कोविड प्रोटोकॉल

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। चित्रकूट जेल में शुक्रवार को गैंगवार में मारे गए शातिर अपराधी मेराज अली का शव शनिवार को गाजीपुर स्थित उसके पैतृक गांव महेन भेज दी गयी।

Advertisment
manoj shrivastav

इस दौरान मेराज की शव यात्रा में बाइक और कारों का काफिला भी शामिल हुआ। 50 से अधिक बाइक और दर्जनों कारें शव यात्रा में चल रही थीं। मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज का शव उसके पैतृक गांव करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेन्द गांव लाया गया। गांव में जैसे ही शव एंबुलेंस से उतारा गया तो कोरोना महामारी को भूलकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े।

 

महेन गांव में स्थित उसके पुस्तैनी कब्रिस्तान में शाम पांच बजे की नमाज अदा करने के बाद शव को दफनाया गया। गाजीपुर बॉर्डर से लेकर महेन गांव तक कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। रास्ते में भी जगह-जगह पुलिस तैनात थी। समाचार लिखे जाने तक मेराज के गांव महेन्द में एएसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया, सीओ मुहम्मदाबाद राजीव द्विवेदी सहित पांच एसओ अपने हमराहियों के साथ महेन्द गांव में तैनात थे। एसपी डा. ओपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। शव भी महेन्द गांव पहुंचने के बाद कोविड प्रोटोकॉल का पालन चुनौती बन गया था।

कोरोना महामारी को भूलकर कब्रिस्तान पर जुटी सैकड़ों की भीड़

कोरोना महामारी के चलते शासन-प्रशासन की ओर से जारी की गई कोरोना गाइडलाइन गाजीपुर में टूटती नहर आई। मेराज का शव जैसे ही उसके गांव पहुंचा तो ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। शव कब्रिस्तान पहुंचते-पहुंचते ग्रामीणों की संख्या बढ़ती गई। कुछ ही देर में कब्रिस्तान पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। लोग सब कुछ भूल कर मेराज के शव का एक झलक पाने को बेताब थे। दफनाते समय उसके भाई व रिश्तेदारों ने बार-बार यह देख रहे थे कि उसे कितनी गोली लगी है।इससे पहले बदायूं जिले में भी मुस्लिम धर्मगुरु की शव यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। यहां भी कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थीं। दिन में निकली शव यात्रा में शामिल हुए लोगों का पता प्रशासन और पुलिस को भी नहीं चल सका। शाम होते-होते प्रशासन और पुलिस हरकत में आए और इसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here