मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। हाथरस कांड को लेकर भारी फजीहत होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने हाथरस के एसपी विक्रांतवीर, डीएसपी और इलाके के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा योगी सरकार ने फैसला लिया है कि इस घटना में मौके पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट किया जाएगा। साथ ही साथ पीड़ित परिवार का भी टेस्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एसआईटी की शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की बात सामने आई है। इस मामले को विपक्ष ने मुद्दा बना दिया था। लगातार देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।विवाद थमता न देख मुख्यमंत्री योगी खुद एक्शन में आ गए और शुक्रवार की शाम एसपी, डीएसपी समेत सात लोगों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार पर भी एक्शन हो सकता है। जिस तरह आनन-फानन में देर रात को ही पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया उसी समय से प्रशासन की मंशा पर सवाल उठने लगे थे। परिजनों के लाख मना करने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं माने और अंतिम संस्कार करवा दिया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर हाथरस डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार का एक वीडियो वायरल हुआ।जिसमें वह पीड़िता के पिता से बात करते हुए दिख रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करो। ये मीडिया वाले, मैं आपको बता दूं, आधे आज चले गए और आधे कल चले जाएंगे। हम आपके साथ खड़े हैं। ये आपकी इच्छा है कि आपको बार-बार बयान बदलना है कि नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएं….।हाथरस मामले में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें किसी भी कीमत पर मीडिया से मिलने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने पीड़िता के गांव में पहले से ही धारा 144 लगा दी है। शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवार ने एक नाबालिग बच्चे को किसी भी तरह मीडिया से संपर्क करने के लिए भेजा। बच्चे ने बताया कि हमारे कुछ मोबाइल फोन ले लिए गए हैं और हमें मोबाइल को स्विच ऑफ करने के लिए कहा गया है।
ओ३म्: ‘क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी रहेगा?’