मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। बस्ती जिले में कोरोना काल के दौरान स्थानीय प्रशासन की कई लापरवाही सामने आई है। जिम्मेदार अधिकारी लगातार इस पर परदा डालने में लगे रहे। ताजा लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की है। करीब सवा माह से एक कोरोना मरीज अपने गांव और रिश्तेदारी में घूमता रहा।
जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब इस युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गाव और रिश्तेदारियों में हड़कंप मच गया है। जिले के कुदरहा ब्लाक के सेल्हरा गाव निवासी प्रवासी कामगार 22 वर्षीय युवक 29 अप्रैल को हरियाणा राज्य से ट्रक के जरिये बस्ती आया था। उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित भदावल के क्वारंटाइन सेंटर में रोका गया था। पांच मई को कोरोना जाच के लिए उसका सैंपल लिया गया था। 12 मई को उसे यह कहकर घर भेज दिया गया कि उसकी रिपोर्ट निगेटिव है। वहीं बाद में आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाया गया फिर भी लापरवाह जिम्मेदार इसकी खोजबीन नहीं लिये। वह भी निडर होकर गांव व रिश्तेदारों में घूमता रहा। मित्रों, रिश्तेदारों के अलावा शादी विवाह कार्यक्रम में भी शामिल हुआ। युवक से जब पूछा गया तो उसने बताया कि पॉजिटिव रिपोर्ट के बारे में उसे जानकारी नहीं है। हम किसी अस्पताल में नहीं गये। क्वारंटाइन सेंटर से आये तभी से घर पर ही हूं। प्रशासन ने उसके परिवार के अन्य सदस्यों का सैम्पल लेकर जांच के लिये भेज दिया है। उसके टोले को सीज कर दिया है। गांव वालों का दावा है कि उक्त युवक बेफिक्र होकर सबसे मिला-जुला है। सूत्रों के अनुसार इस घटना से नाराज जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन एक जांच कमेटी बना कर जांच करवा रहे हैं कि किस परिस्थिति में वह युवक कोरेन्टीन सेंटर से निकल कर घर पहुंच गया।