नई दिल्ली। दिल्ली में कल हुई हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है। 93 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गणतंत्र दिवस पर हिंसा भड़काने वाले किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस केस दर्ज कर रही है। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और इनमें 37 किसानों को नामजद किया गया है। इसमें मेधा पाटकर, योगेन्द्र यादव और बुटा सिंह का नाम भी शामिल है।
सूत्रों की माने तो योगेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं के नाम एफआईआर में हैं। दिल्ली पुलिस की एफआईआर में ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नाम शामिल हैं। इसी बीच संबंधित संगठनों ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन से बुरी तरह हिल गई है, इसलिए किसान मजदूर संघर्ष समिति और अन्य लोगों के लिए यह साजिश रची गई।
अभी तक जिन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं उनमें राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, राजेन्द्र सिंह, बलबीर सिंह, बूटा सिंह और जोगिंदर सिंह का नाम शामिल है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दंगे के लिए भड़काने से लेकर हत्या प्रयास तक के सेक्शन इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगाये गए हैं। पुलिस का कहना है कि अभी इन नेताओं की भूमिका को लेकर जांच की जाएगी और जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद ही किसी किसान नेता की गिरफ्तारी की जा सकती है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने न केवल पुलिस के साथ पारस्परिक रूप से सहमत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली की सड़कों पर उग्रता दिखाई और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया। आंदोलनकारी किसानों के इस व्यवहार से ड्यूटी पर गए पुलिसकर्मियों का जीवन भी खतरे में पड़ गया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, कोतवाली, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने में उपद्रवी आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि कानून के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दिल्ली पुलिसकर्मियों को घायल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ ने पुलिसकर्मियों पर अपने ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से भी हिंसा को रोकने और निर्धारित मार्गो पर जल्द से जल्द लौटने की अपील की थी। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों के दावे का खंडन करने के लिए एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसके तहत किसानों ने कहा कि आईटीओ में पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी। वीडियो के द्वारा पुलिस ने दावा किया कि तेज रफ्तार ट्रैक्टर आईटीओ के पास डीडीयू मार्ग पर पलट गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
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