दूसरों की नकल के बजाय खुद को जीना चाहिए: अनुपम खेर

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सोलन। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि मैं आशावादी हूं औैर मैंने ऐसा जीवन जिया है जिसमें कई उतार-चढ़ाव आये हैं लेकिन मैंने कभी खुद में अपने पर तरस खाने या किसीके प्रति कड़वाहट महसूस करने की भावना नहीं पनपने दी। मेरा मानना है कि जीवन जीने का एक ही तरीका है, आशावादी हों और खुश रहें। श्री खेर ने कहा कि असफलताएं जीवन का हिस्सा हैं और इनसे डरना नहीं चाहिए क्योंकि सफलताओं के मुकाबले असफलताएं ज्यादा सिखा जाती हैं। उन्होंने कहा कि परफेक्ट होना बोरिंग होता है। 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खेर ने कहा कि अनपेक्षित का सामना करने के लिए हमेशा तैयार होना चाहिए, लगातार कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। उन्होंने लॉकडाऊन का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें तीन चीजों का महत्व समझ में आया: परिवार के साथ समय बिताना, भोजन समेत आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच होना और इंटरनेट कनेक्टिविटी।

श्री खेर शूलिनी यूनिवर्सिटी की तरफ से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम ‘आइडियाज दैट मैटर‘ में छात्राें और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
श्री खेर ने कहा कि वह ‘कुछ भी संभव है‘ में विश्वास करते हैं। छात्रों से उन्होंने कहा कि औसत छात्र होने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि आगे जीवन में फिर भी बेहतर करने के कई माैके होते हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी में अलग और खास गुण होते हैं इसलिए दूसरों की नकल के बजाय खुद को जीना चाहिए। इसमें बड़ा मजा है।

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