मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (85) का मंगलवार सुबह 5.30 बजे निधन हो गया। लालजी बीते 11 जून को सांस लेने में तकलीफ और बुखार के चलते लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सोमवार शाम को दोबारा तबियत बिगड़ने पर उन्हें क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर रखा गया। बीच-बीच में उनकी हालत में सुधार सूचनाएं भी मिलती रही हैं। लेकिन मंगलवार तड़के सुबह उनका निधन हो गया। लालजी टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे अशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी।उनकी अंतिम यात्रा शाम 4 बजे गुलाला घाट, चौक के लिए प्रस्थान करेगी। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, ने शोक व्यक्त किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा- मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन के निधन में, हमने एक दिग्गज नेता को खो दिया है, जिन्होंने लखनऊ के सांस्कृतिक परिष्कार और एक राष्ट्रीय गतिरोध के संयोजन को जोड़ा है। मैं उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालजी टंडन के निधन पर दो ट्वीट करते हुए लिखा- लालजी टंडन को समाज की सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। उनके निधन से दुखी हूं।गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल और बिहार के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लालजी टंडन एक लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक व प्रख्यात शिक्षाविद थे। उनके निधन से राजनीति, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विट किया- श्रद्धेय टंडन जी का जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति है। उनसे मुझे सदैव पितृतुल्य स्नेह मिला। जब भी कभी मुश्किल आती थी, मैं उनका मार्गदर्शन लेता था। उनकी कमी को अब पूरा नहीं किया जा सकता। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लालजी टंडन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लालजी टंंडन शालीन, मृदुभाषी एवं जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताते हुए लिखा है कि उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। वे लखनऊ के प्राण थे।बसपा सुप्रीमो ने ट्विट किया- लालजी के निधन होने की खबर अति-दुःखद व उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना। लालजी टंडन के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक दिन की राजकीय अवकाश व तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया।मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया कि आज सुबह 5:35 बजे मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया है। उनकी किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन भी गड़बड़ा गया था। लखनऊ के कण-कण में बस चुके लाल जी टंडन ने 1960 से राजनीतिक यात्रा आरंभ किया।12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्मे लालजी टंडन 1958 में शादी के बंधन में बंध गए। उन्होने स्नातक तक क शिक्षा हासिल की है। यूपी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के विस्तार में टंडन का अभूतपूर्व योगदान रहा। माधव सदाशिव गोलवलकर, भाऊराव देवरस, दिन दयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी के इर्द-गिर्द रह कर भारतीय जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी की अथक सेवा करने वाले लालजी टंडन ज्यों-ज्यों बढ़े उनकी पहचान एक बड़े मदतगार के रूप में होती गयी। उनके पुत्र आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी इस समय यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। टंडन दो बारा पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी क राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।