पश्चिम बंगाल: अगले सप्ताह चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की अटकल, केंद्रीय फोर्स रखेंगे चप्पे-चप्पे पर नजर

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनावी सरगर्मी अब जोर पकड़ने लगी है। दिल्ली में किसानों के आंदोलन के बीच पश्चिम बंगाल के चुनाव अब और भी दिलचस्प रहने वाले हैं।पश्चिम बंगाल के चुनाव और किसानों के किसानों के आंदोलन के बीच क्या कनेक्शन है, इसका अंदाजा तो तमाम विरोधी दलों की गतिविधियों को देखते हुए ही लगाया जा सकता है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी आज की डेट में किसानों के बिलों का हाल पुरजोर विरोध कर रही है लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में थी तो इन बिलों को पारित करने के लिए कांग्रेस की सहमति थी। अब विरोध पहले से, इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस को आईना भी दिखा चुके हैं।

केंद्र की तमाम योजनाएं जो अब तक पश्चिम बंगाल में लागू नहीं हो सकी हैं, अब उन योजनाओं को योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए आश्वासन भी प्रदेश की जनता को दे रही हैं। यह बात तो सियासी है और सियासी ही रहेंगी, लेकिन अब जब पश्चिम बंगाल में चुनाव बेहद नजदीक हैं और तिथि की घोषणा भी होने वाली है, उम्मीद की जा रही है कि पश्चिम बंगाल के चुनाव पर पूरे देश की नजर होगी। भारतीय जनता पार्टी जहां पश्चिम बंगाल चुनाव में पूरी ताकत लगाने जा रही है तो ममता बनर्जी भी आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रही हैं। चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि अगर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार कायम करने में सफल नहीं रहती हैं तो ममता बनर्जी का राजनीतिक भविष्य भी संकट में आ जाएगा, इसलिए ममता बनर्जी भी किसी भी तरह की कोर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। देश व प्रदेश की जनता की सबसे बड़ी चिंता यह है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान हिंसक वारदातें बढ न जाएं जाएं, इसके लिए भी केंद्र सरकार ने अब पश्चिम बंगाल में केंद्रीय फोर्स की तैनाती की प्रक्रिया तेज कर दी है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसाओं का दौर जारी है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि की चुनाव की घोषणा के साथ ही पश्चिम बंगाल में हिंसा बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार भी सुरक्षा व्यवस्था को चौकस करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। अगले सप्ताह चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की अटकलों के बीच शनिवार को ही पश्चिम बंगाल में सेंट्रल फोर्स की टुकड़ी पहुंच गई है। राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि जम्मू कश्मीर से 12 कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) विशेष ट्रेन से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर पहुंची है। इनकी तैनाती राजधानी कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में की जानी है।

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सूत्रों ने बताया है कि 25 फरवरी तक राज्य में 125 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती हो जाएगी। आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही पश्चिम बंगाल में सेंट्रल फोर्स के जवानों के आने के बाद राज्य में सरगर्मी तेज हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि इन 12 कंपनी केंद्रीय बलों में से तीन कंपनियों की तैनाती बिधाननगर, बारूईपुर, डायमंड हार्बर में होगी। उसके बाद बाकी नौ कंपनियों की तैनाती उत्तर 24 परगना के बैरकपुर, हावड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, बांकुड़ा, बीरभूम, पूर्व बर्दवान सहित राज्य के अन्य हिस्सों में लगाया जाएगा।
चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से पहले ही केंद्रीय बलों के जवानों को बंगाल में तैनात किए जाने को लेकर आयोग सूत्रों ने बताया है कि एरिया डोमिनेशन और रूट मार्च के लिए इन जवानों की तैनाती की जाएगी। चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात रहे हैं पश्चिम बंगाल में सेंट्रल फोर्स के जवानों की मौजूदगी की वजह से लोगों में विश्वास बहाली हो सकेगी।
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