फरार माफिया धनंजय की पत्नी ने जौनपुर में पंचायत चुनाव का किया नामांकन

0
342

मनोज श्रीवास्तव/ लखनऊ। राजधानी के अजित सिंहहत्याकांड में आरोपी पूर्व सांसद व माफिया धनंजय सिंह की पत्‍नी श्रीकला ने आज जौनपुर के वार्ड नंबर 45 से जिला पंचायत सदस्‍य सीट के लिए अपना पर्चा भर दिया। श्रीकला ने जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट के उपचुनाव में भी पर्चा दाखिल किया था लेकिन बाद में उन्‍होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था।

manoj shrivastav

गौरतलब है कि हाल ही में धनंजय सिंह ने पुराने मामले में जमानत रद्द करा के आत्‍मसमर्पण किया था। लखनऊ पुलिस द्वारा अजित सिंह हत्याकांड में विवेचक द्वारा कोर्ट में अपनी आख्या न जमा करने के चलते कुछ दिन पहले अजीत सिंह जमानत मिलने के बाद वह गुपचुप ढंग से रिहा हो गए थे। हालांकि थोड़ी देर बाद ही यूपी पुलिस ने बताया कि उसने धनंजय सिंह को रिमांड पर लेने के लिए वारंट बी भेजा था जो शायद देरी से जेल पहुंचा। यूपी पुलिस को अब एक बार फिर पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश है।

Advertisment

 

योगिराज में भी पुलिस से खेल रहा धनंजय, रिहा होते ही हुआ फरार

अजीत हत्याकाण्ड में आरोपी बनाये गये पूर्व सांसद धनंजय सिंह जिस मामले में पुरानी जमानत कटा कर प्रयागराज में हाजिर हुए थे, उसी मामले में वह फिर से जमानत पाकर फतेहगढ़ जेल से बुधवार दोपहर रिहा हो गये। वह दोपहर में ही गुपचुप तरीके से अपने समर्थकों के साथ निकल गये। इसकी खबर मिलते ही लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के होश उड़ गये। पुलिस ने बुधवार को ही अजीत हत्याकांड में धनंजय को रिमाण्ड पर लेने के लिये वारन्ट बी फतेहगढ़ जेल भेजा था। अब पुलिस का कहना है कि धनंजय की तलाश में फिर से दबिश दी जायेगी। उनके मामले में वह अभी भी आरोपी है।

धनंजय सिंह पांच मार्च को जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में जमानत कटाकर हाजिर हुए थे। इसके बाद उन्हें नैनी जेल से फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया था। 25 दिन धनंजय जेल में बंद रहे लेकिन तब तक विभूतिखंड पुलिस ने अजीत हत्याकाण्ड में उनका वारन्ट नहीं लिया। खुटहन मामले में ही तीन दिन पहले धनंजय को फिर जमानत मिल गई थी। धनंजय के वकील आदेश कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में कोर्ट में दो बार अर्जी देकर पुलिस से पूछा गया था कि धनंजय पर अजीत हत्याकाण्ड में क्या आरोप लगाया है। लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला।

धनंजय की तलाश में फिर दबिश 

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि वारन्ट बी जेल पहुंचने से पहले धनंजय रिहा हो गया। इसकी जानकारी उन्हें मिली है। वह छह जनवरी को हुए अजीत हत्याकाण्ड में नामजद हैं और उनके लिये आरोपी हैं। उसकी तलाश में पुलिस फिर दबिश देगी। धनंजय पर फरारी के दौरान 25 हजार रुपये इनाम घोषित हुआ था। उधर फतेहगढ़ जेल के अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि प्रयागराज कोर्ट से धनंजय को जमानत मिलने का आदेश आया था। इस पर ही बुधवार को उन्हें रिहा कर दिया गया।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here