बाढ़ ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, आपदा में कितने भी संसाधन हों या उपाय हों कम पड़ जाते हैं-मुख्यमंत्री

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जनपद का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद कहा कि नदियों के जलस्तर का 50 साल का रिकार्ड टूटा है, समय पूर्व प्रभावी इंतजामों से बाढ़ बचाव में कामयाबी मिली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने झगहा, उनवल, सहजनवा एवं लालडिग्री के राहत वितरण के साथ लाभार्थियों को भी संबोधित कर आश्वस्त किया।चौरीचौरा तहसील के झंगहा में बाढ़ राहत सामग्री वितरित करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ बचाव को लेकर सरकार ने पहले से तैयारी कर रखी थी। पर, यह आपदा है और आपदा में कितने भी संसाधन या उपाय हों, कम पड़ जाते हैं। बाढ़ से बचाव के लिए अकेले चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में 18 करोड़ रुपये की परियोजनाएं दी गईं जो पूर्ण या पूर्णता की ओर हैं। इसके अलावा सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में भी 15 करोड़ रुपये से बाढ़ सुरक्षा के कार्य कराए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राप्ती नदी खतरे के निशान से ढाई से तीन मीटर ऊपर बह रही। पिछले 50 सालों में नदियों का जल स्तर बढ़ने की इतनी खतरनाक स्थिति कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि स्वयं 1991 एवं 1998 की स्थिति को भी देखा है। बचाव के लिए समय पूर्व किए गए प्रभावी इंतजामों से जन व धन हानि को रोकने का पूरा प्रयास जारी है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की फ्लड यूनिट को पहले से ही सक्रिय किया था। पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था के साथ राहत सामग्री का पर्याप्त इंतज़ाम है। नाव और स्टीमर की संख्या और बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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बाढ़ से 15 जिले, 304 गांव प्रभावित, 405 नाव और 50 स्टीमर लगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश से पूर्वांचल के करीब 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गोरखपुर में करीब 304 गांवों की 2.26 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां 405 नाव और 50 स्टीमर लगाए गए हैं जिनकी संख्या और बढ़ाई जा रही है। बाढ़ चौकियों व कंट्रोल रूम के जरिए बाढ़ पर नियंत्रण के प्रयास जारी हैं। हर राशन सामग्री किट में 10-10 किलो चावल और आलू के अलॉस 2 किलो अरहर दाल, रिफाइंड तेल, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाले के पैकेट, लाई, चना, गुड़, मोमबत्ती, माचिस आदि के साथ ही छाता व बरसाती और 5-5 लीटर के 02 कैन भी दिए जा रहे हैं। तीन दिन के भीतर सभी पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों में बाढ़ या बारिश का पानी घुस गया है, उन परिवारों के भोजन के लिए कम्युनिटी किचेन संचालित किए जा रहे हैं। सरकार प्रतिबद्ध है कि एक भी नागरिक भूखा न रहने पाए। पानी से घिरे लोगों को उनके दरवाजे पर ही भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों के पशुओं के लिए प्रभावित क्षेत्रों में भूसे-चारे का इंतजाम कराया जा रहा है। हमें मनुष्यों के साथ उनके पशुओं को भी बचाना है।

एआरवी व एएसवी और ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित करें
योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि  बाढ़ के समय सांप व अन्य जहरीले जंतुओं और कुत्तों के द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सिन व एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध रहे। जलभराव के चलते कोरोना संक्रमण के साथ हैजा, डायरिया, मलेरिया, वायरल बुखार सरीखी बीमारियों की आशंका को देखते हुए ऐसे क्षेत्रों में ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए जाएं। जिससे लोगों को इन बीमारियों से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। पेयजल को शुद्ध रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को क्लोरीन टैबलेट का वितरण किया जाए।

आपदा से मृत्यु के साथ पशु हानि पर तत्काल दें आर्थिक सहायता
योगी ने कहा कि किसी की मृत्यु पीड़ा देने वाली होती है। आपदा में किसी की मृत्यु होने पर संबंधित के परिवार को चार लाख रुपये तत्काल आर्थिक सहायता मुहैय्या कराई जाए। सांप या अन्य हिंसक-जहरीले जानवर के हमले में मृत्य पर भी यह मदद दी जाएगी। बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित कराया जाए। किसी व्यक्ति के पालतू पशु गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी की बाढ़ के चलते मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराएं। बाढ़ पीड़ितों के बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति की जाएगी। जिन किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, उन्हें मुआवजा मिलेगा। इसके लिए अभी से सर्वेक्षण भी शुरू है। ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि सभी प्रभावित किसानों को समय से फसल मुआवजा मिल जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलजमाव के चलते इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। 5 सितम्बर से 12 सितम्बर तक एक सप्ताह का विशेष स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फॉगिंग का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ से अधिकारी भी क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से इस अभियान में सहभागी बनने की अपील की।

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