मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का रास्ता साफ हो गया है। ट्रांसफरों पर लगी रोक को हटा लिया गया है। सरकार की तरफ से जारी की गई नई तबादला नीति के मुताबिक आगामी 15 जुलाई तक अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले हो सकेंगे। कोरोना संक्रमण की वर्ष 2020 में आई पहली लहर के कारण लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश में तबादलों पर रोक लगा दी गई थी।
मंगलवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि सभी विभागों के अध्यक्षों को तबादला करने का अधिकार वापस दे दिया गया है। जिसके चलते अब उत्तर प्रदेश में अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे। ऑनलाइन मेरिट के आधार पर तबादला करने का आदेश शासन की ओर से जारी किया गया है। इससे पहले सितंबर माह में ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के 1 जिले से दूसरे जनपद में तबादलों की प्रक्रिया को अपनी हरी झंडी दे दी थी। इस प्रक्रिया को भी लॉकडाउन के चलते रोका गया था। सीएम योगी द्वारा जारी किए गए आदेशों के बाद महिला शिक्षकों, दिव्यांगों और गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को तबादलों में प्राथमिकता दी गई थी। गौरतलब है कि लाॅकडाउन से पहले योगी सरकार की ओर से शिक्षकों की ट्रांसफर नीति में बदलाव किया गया था। नई ट्रांसफर नीति के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए 5 साल की समय सीमा को घटाते हुए 3 वर्ष कर दिया गया था।