मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रेमेडिसविर इंजेक्शन समेत कोरोना उपचार में प्रयोग होने वाली सभी आवश्यक दवाओं की जमाखोरी करने वालों पर एनएसए लगाया जायेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जमाखोरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस संबंध में पुलिस और उसकी सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं। कानपुर में रेमेडिसविर इंजेक्शन की खेप के साथ पकड़े गए तीनों आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाही की गई है। जिनके नाम प्रशान्त शुक्ल, मोहन सोनी व सचिन कुमार हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो कोविड-19 दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी के काले कारोबार में लिप्त हैं। योगी सरकार ने कार्रवाई कर साफ कर दिया है कि वैश्विक महामारी संकट में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य की कोरोना पीड़ित जनता और उनके परिजनों के साथ किसी प्रकार की लूट और कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी दवाओं और सुविधा का लाभ हर कोरोना पीड़ित व्यक्ति तक समान रूप से पहुंचे, राज्य सरकार इसकी लगातार चिंता कर रही है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन का निगरानी तंत्र पूरी सतर्कता से दवा कंपनियों, दवा व्यापारियों पर पैनी निगाह रखे हुए है। कोविड 19 के उपचार में प्रभावी रेमेडिसविर इंजेक्शन समेत 8 अन्य महत्वपूर्ण दवाओं की यदि कहीं भी कालाबाजारी हुई तो दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन और पुलिस के सहयोग से पूरी मुस्तैदी के साथ ऐसी कालाबाजारी व जमाखोरी को हर हाल मे रोकने का काम किया जा रहा है।