लखनऊ। कोरोना महामारी वैसे से देश में ही क्या, पूरी दुनिया के लिए आफत बन कर आयी है। दुनिया भर में इससे संकट की स्थिति पैदा हो गई। इस महामारी से जहां एक ओर मौतों का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। ऐसा नहीं भारत सरीखे विकासशील देश इस महामारी से प्रभावित हुए है, बल्कि दुनिया की आर्थिक शक्ति माने जाने वाले देश भी लड़खड़ा गए हैं।
ऐसे में भारत में कुछ राज्य सरकारों ने जिस तरह का आचरण किया है। उससे मानवता शर्मसार हुई है। इससे ऐसी सरकारों और राजनीतिक पार्टियों की विश्वनीयता पर सवालिया निशान लगा है। यह समय तो गुजर जाएगा, लेकिन कितनी तबाही लाएगा, यह तो अभी भविष्य के गर्भ में दफन है। बहरहाल, महाराष्ट्र से पलायन को मजबूर हुए उत्तर भारतीयों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिव सेना और कांग्रेस को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि जिस तरह का व्यवहार महाराष्ट्र सरकार ने कामगारों के साथ किया है। वह निंदनीय है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम ही होगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र की शिवसेना और कांग्रेस की सरकार पर कामगारों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मानवता इस अमानवीय व्यवहार के लिये उद्धव ठाकरे को कभी माफ नही करेंगी। श्री योगी ने कहा कि अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना और कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कभी माफ नहीं करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार अपने घर पहुंच रहे सभी बहिनों और भाइयों का राज्य सरकार पूरा ख्याल रखेगी। अपनी कर्मभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद उनकी चिंता का नाटक मत कीजिए। सभी श्रमिक कामगार बंधु आश्वस्त हैं कि अब उनकी जन्मभूमि उनका हमेशा ख्याल रखेगी, शिवसेना और कांग्रेस आश्वस्त रहें। एक सप्ताह में सभी कामगार उत्तर प्रदेश आ जायेंगे। श्री योगी ने ट्वीटकर कहा कि अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया। इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता श्री उद्धव ठाकरे जी को कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा किएक भूखा बच्चा अपनी मॉ को ढूढ़ता है। अगर महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली माँ’ बन कर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता।गौरतलब है, योगी का गुस्सा काफी हद तक जायज भी नजर आ रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र या अन्य सरकारें इस प्रकार पर पलायन पर अंकुश लगाती और इन लोगों के रहने की व्यवस्था अपने ही राज्य में कर देती तो देश में इनते बदतर हालात नहीं होते है। ऐसा नहीं, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ही उत्तरदायी है, दिल्ली सरकार भी उतनी उत्तरदायी है, जिसकी वजह से कोरोना संकट देशभर में फैला है। वहां धर्म विश्ोष के कार्यक्रम होने देना भी इसका महत्वपूर्ण सबब बना है। योगी ने जब राजस्थान से बच्चों को बुलवाया, तब कहां से ये कांग्रेसी, जो इस दौर में सियासत से बाज नहीं आ रहे है।