प्रदेश में संगठित लूटपाट और खुलेआम हत्या से खुली भाजपा के सुशासन की पोल- अजय कुमार लल्लू
बदायूं के बाद पीलीभीत, मुरादाबाद, मेरठ की घटनाएं मिशन शक्ति की उड़ा रही हैं धज्जियां – अजय कुमार लल्लू
लखनऊ 07 जनवरी 2021।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में बढ़ती अराजकता, गैंगवार और लूटपाट, डकैती की घटनाओं पर भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि मौजूदा निजाम में अपराधियों, गैंगस्टरों और संगठित डकैतो का वर्चस्व कायम हो चुका है। भाजपा के संकल्प पत्र में अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति व वादे की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। अपराधी इतने मनबढ़ हो चुके हैं कि राजधानी के पाॅश इलाके गोमतीनगर में खुलेआम गोली मारकर मऊ जनपद के व्यक्ति की हत्या कर दी गयी जिसमें राहगीर भी गोलीबारी से घायल हो गये। यह घटना भाजपा के ‘सुशासन’ के दावे की पोल खोलती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजधानी लखनऊ अपराधियों और गैंगस्टरों के गैंगवार का सुरक्षित स्थल बन चुका है। यही कारण है कि अपराधी जहां और जिस जगह चाहते हैं जघन्य घटनाओं को अंजाम देते हैं और आसानी से फरार हो जाते हैं। योगी सरकार का कानून व्यवस्था पर नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो चुका है। पुलिस अपराधियों के सामने बौनी हो चुकी है।
श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उ0प्र0 में कानून व्यवस्था का आलम यह है कि रोजाना महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप, गैंगरेप और हत्या की घटनाएं घटित हो रही हैं और पुलिस पीड़ित की मदद करने के बजाए आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि बदायूं की जघन्य घटना के बाद पीलीभीत, मुरादाबाद और मेरठ की घटनाएं योगी सरकार के मिशन शक्ति की धज्जियां उड़ा रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उपरोक्त ताजा घटनाएं यह साबित करती हैं कि प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो चुका है। सरकार का कानून व्यवस्था पर नियन्त्रण खत्म हो चुका है। जंगलराज कायम हो गया है। उन्होने कहा कि किसी भी चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार की पहली जिम्मेदारी आम जनमानस को सुरक्षा की गारंटी देना है जिसमें प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार पूरी तरह विफल और अक्षम साबित हुई है। इस सरकार के किसी दावे और आंकड़ों पर आम जनमानस का भरोसा उठ चुका है। सरकार अपना विश्वास खो चुकी है। ऐसी अक्षम और विफल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।