नयी दिल्ली। आज अगर आयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा हैं तो निश्चित तौर पर इसका पूरा श्रेय भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता लाल कृष्ण आडवानी को जाता है। नब्बे के दशक में राम मंदिर को लेकर जन चेतना का संचार करने वाले यह आडवानी ही हैं, जिनके प्रयासों से आज करोड़ों हिंदुओं का सपना साकार होता नजर आ रहा है। यह आडवानी के प्रयास थे कि लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंचे और राममंदिर आदोलन को दिशा प्रदान की थी।अब जब पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन है तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठतम नेता लाल कृष्ण आडवाणी से बुधवार को मुलाकात की।
दोनों नेताओं की मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 92 वर्षीय श्री आडवाणी की पेशी से पहले दोनों नेताओं के बीच इसके अहम पहलुओं को लेकर यह मुलाकात हुई है। श्री आडवाणी बाबरी विध्वंस मामले में 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश होंगे और अपना बयान भी दर्ज करायेंगे।
श्री आडवाणी राम मंदिर निर्माण आंदोलन के अगुवा रहे हैं। अयोध्या में बाबरी मस्जिद 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों द्वारा ढहाई दी गई थी। इस मामले में श्री आडवाणी के अलावा मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी आरोपी हैं।
सूत्रों के अनुसार पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन है। श्री आडवाणी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता भी दिया गया हो।
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