अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने हिन्दू संगठनों द्वारा श्रीरामजन्मभूमि परिसर पर भव्य मंदिर निर्माण के हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि रामजन्मभूमि के सम्पूर्ण अधिग्रहीत परिसर पर विश्व का सबसे भव्य राम मंदिर बनाने के लिये धर्म संसद आयोजित की जानी चाहिये।
श्री दास ने कहा कि रामजन्मभूमि के सम्पूर्ण अधिग्रहीत परिसर पर विश्व का सबसे विशाल राम मंदिर बनना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम की मर्यादा के अनुसार वह राम मंदिर बनाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बार-बार बनने की वस्तु नहीं है। जब राम मंदिर एक बार ही बनना है तो विशालतम, भव्यतम, दिव्यतम राम मंदिर का निर्माण हो।उन्हाेंने कहा कि जब विश्व हिन्दू परिषद को संतों की आवश्यकता थी तो उनका इस्तेमाल किया गया। संतों के सम्मान की बात आयी तो उन्हें ट्रस्ट से दूर कर दिया गया। उन्होंने बात-बात पर संतों की धर्मसंसद आयोजित करने वाली विश्व हिन्दू परिषद ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद राम मंदिर मुद्दा और ट्रस्ट पर धर्मसंसद का आयोजन क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उनके गुरू महंत अभिराम दास ने अपना सम्पूर्ण जीवन रामजन्मभूमि को मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया था। उनकी भी यह अंतिम इच्छा थी कि मंदिर जब भी बने विश्व का विशालतम और भव्यतम् मंदिर का निर्माण हो। महंत ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा के लिये वह जीवन भर लड़ाई लड़ते रहे।