रोज कमाकर खाने वालों को प्रति परिवार रु0 1000/- की धनराशि प्रति माह भरण-पोषण भत्ता

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Uttar Pradesh, Dec 17 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adiyatnath arrives during the assembly session at Vidhan Bhawan in Lucknow on Tuesday. (ANI Photo)
लखनऊ। दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, पंजीकृत श्रमिकों के अतिरिक्त अन्य श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को प्रति परिवार रु0 1000/- की धनराशि प्रति माह भरण-पोषण भत्ता प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।
उक्त जानकारी देते हुये मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सभी राशन कार्ड धारकों को 03 माह का राशन निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने एवं पंजीकृत श्रमिकों, अन्य श्रमिकों, सभी पटरी, रेहड़ी दुकानदारों, रिक्शा व ई-रिक्शा चालकों, नाविकों, कुली, पल्लेदारों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को धनराशि रु0 1000/- प्रति परिवार फिलहाल एक माह के लिए दिये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है। यह धनराशि उन्हें दिये जा रहे निःशुल्क राशन के अतिरिक्त होगी।
पात्र व्यक्तियों का चिन्हीकरण, डाटा संकलन एवं राहत आयुक्त की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर फीडिंग तथा रु0 1000/- की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित किये जाने हेतु जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी को सदस्य सचिव, अपर जिलाधिकारी (राहत इन्चार्ज), मुख्य कोषाधिकारी/वरिष्ठ कोषाधिकारी, नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, जिला पूर्ति अधिकारी को सदस्य एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी (एनआईसी) को तकनीकी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
उपर्युक्त श्रेणी के व्यक्तियों में से हलवाई की पात्रता का चयन अत्यन्त ही सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिये। जी0एस0टी0 की परिधि में न आने वाले हलवाई ही पात्र होंगे। धोबी श्रेणी में ड्राई क्लीनर दुकानदार पात्रता की श्रेणी में सम्मिलित नहीं होंगे। परम्परागत रूप से कार्य करने वाले धोबी आदि जो अपनी रोजी-रोटी के लिए दैनिक कार्य करते हैं, वे ही इसके पात्र होंगे।
नगरीय क्षेत्रों में ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार सहित नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि का चिन्हीकरण, डाटा संकलन एवं संकलित डाटा राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड कराने के लिए नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, नोडल अधिकारी होंगे। नोडल अधिकारी पात्र व्यक्तियों का डिटेल यथा नाम, पिता का नाम, पता, आयु, व्यवसाय स्थल का पता, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएस कोड, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र संख्या आदि विवरण स्वयं सत्यापित करने के उपरान्त वेबसाइट पर फीड करायेंगे।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि का चिन्हीकरण, डाटा संकलन एवं संकलित डाटा राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड कराने के लिए जिला पंचायतराज अधिकारी, नोडल अधिकारी होंगे। नोडल अधिकारी अपने विभाग के सम्बन्धित अधिकारी/कार्मिक के माध्यम से डाटा प्राप्त कर, उसको सत्यापित करने के उपरान्त वेबसाइट पर फीड करायेंगे।
प्रवासी श्रमिकों, कामगारों, मजदूरों के साथ ही नाविकों का डाटा संकलन कर राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड कराने के लिए अपर जिलाधिकारी (राहत इंचार्ज) नोडल अधिकारी होंगे। नोडल अधिकारी क्षेत्रीय लेखपाल के माध्यम से डाटा संकलित कराकर उसको सत्यापित करने के उपरान्त वेबसाइट पर फीड करायेंगे।
नोडल अधिकारी यह प्रमाण-पत्र देंगे कि उनके द्वारा डाटा का सत्यापन कर लिया गया है, इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है एवं पात्र व्यक्तियों को ही सूची में सम्मिलित किया गया है। उक्त प्रमाण-पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से राहत आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया जायेगा। राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीडेड डाटा के अतिरिक्त अन्य किसी डाटा के आधार पर लाभार्थियों को धनराशि का अन्तरण नहीं किया जायेगा।
 उपर्युक्त श्रेणी के व्यक्तियों को उक्तानुसार धनराशि देने के बाद भी ऐसे व्यक्ति बच सकते हैं, जिनके पास अपने परिवार के भरण-पोषण की सुविधा नहीं है। इस सम्बन्ध में शहरी क्षेत्रों में नगर मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी एवं सम्बन्धित नगर निकाय के नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी की समिति इस प्रकार की संस्तुति नगर विकास के शासनादेश दिनांक 21 मार्च, 2020 के अनुसार जिलाधिकारी को उपलब्ध करायेगी।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी तथा सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति ऐसे व्यक्तियों की परिस्थितियों की जांच कर सहायता हेतु अपनी संस्तुति ग्राम्य विकास विभाग के शासनादेश दिनांक 23 मार्च, 2020 के अनुसार जिलधिकारी को उपलब्ध करायेगी। जिलाधिकारी उक्त सूची के अनुसार लाभार्थियों की फीडिंग राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर निर्धारित प्रारूप में जिला स्तरीय समिति के माध्यम से सुनिश्चित करायेंगे।
राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट को कोषागार के ई-कुबेर से इन्टीग्रेट करके बिना मैनुअल इण्टरवेंशन के धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जनपद कोषागार से ई-कुबेर के माध्यम से जिलाधिकारियों द्वारा अन्तरित किया जायेगा। लाभार्थियों के बैंक खाते में धनराशि का अन्तरण जनपद स्तर से किया जायेगा परन्तु निर्धारित तिथि में धनराशि अन्तरण का कार्य सभी जनपदों में एक साथ किया जायेगा। धनराशि अन्तरण के लिये निर्धारित तिथि की सूचना जनपदों को यथासमय अलग से दी जायेगी।
सभी पात्र व्यक्तियों का चिन्हीकरण, डाटा संकलन एवं वेबसाइट पर फीडिंग का कार्य आगामी 15 दिनों में अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लिया जाये, ताकि ससमय उनके बैंक खातों में धनराशि का प्रेषण जनपद कोषागार से ई-कुबेर के माध्यम से सुनिश्चित किया जाये। सभी लाभार्थियों को धनराशि कोषागार से ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से अन्तरित की जानी है, अतएव जिन पात्र लाभार्थियों का बैंक खाता नहीं है, वहां प्राथमिकता पर बैंक खाता खुलवाकर इनके डाटा भी राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड करने की कार्यवाही प्राथमिकता पर सुनिश्चित कर ली जाये। इस सम्बन्ध में विभागों से सम्बन्धित अनुश्रवण का कार्य सम्बन्धित विभाग द्वारा तथा जिला स्तर पर अनुश्रवण का कार्य सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि लाभार्थियों का सही-सही विवरण राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है एवं वेबसाइट से जेनरेटेड सूची के आधार पर ही जनपद कोषागार के ई-कुबेर प्रणाली से धनराशि प्रेषित की गयी है।
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