सामुहिक दुराचार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीन को आजीवन कारावास, 2 लाख का जुर्माना

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सामुहिक दुराचार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीन को आजीवन कारावास, 2 लाख का जुर्माना

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। चित्रकूट के चर्चित गैंगरेप मामले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रजापति के साथ ही मामले में दोषी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उम्रकैद की सजा के साथ ही तीनों दोषियों पर 2-2 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने प्रजापति समेत आशीष और अशोक को दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली तारीख शुक्रवार की दी थी।वहीं दूसरी तरफ विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह, पिंटू और चंद्रपाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत अन्य आरोपियों को मौखिक साक्ष्य देने का अवसर 2 नवंबर को खत्म कर दिया था। पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की तरफ से मंगलवार को ही मामले में अर्जी लगाकर मुकदमे की तारीख आगे बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि इस मुकदमे को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है। साथ ही एमपी एमएलए कोर्ट के उस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है, जिसमें उसके बचाव के सबूत पेश करने की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
अभियोजन की ओर से 8 नवम्बर को प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि गवाह अंशु गौड़ ने अपने बयान में साफ कहा है कि पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री और भारी रकम का लालच देकर कोर्ट में सही गवाही न देने के लिए राजी किया गया था।अभियोजन ने रजिस्ट्री को साबित करने के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ और पीड़िता की ओर से दिल्ली के कोर्ट को दिए गए कलम बंद बयान को तलब करने का आदेश देने की भी मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि पीड़िता एमपी एमएलए कोर्ट में गायत्री प्रजापति पर लगाए गैंग रेप के आरोपों से मुकर चुकी है। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति इसी गैंगरेप के मामले में जेल में बंद है। तत्कालीन अखिलेश सरकार पर भी आरोप लगा था कि उन्होंने सामुहिक दुराचार मामले में गायत्री प्रजापति को बचाने का हर मुमकिन प्रयास किया था। 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री प्रजापति पर एफआईआर दर्ज की गई थी। 15 मार्च 2017 को इस मामले में प्रजापति को गिरफ्तार किया गया था।

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