कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के बावजूद पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अमफान (चक्रवात) और कोरोना के लिए मुहैया किए गए फंड का कथित तौर पर दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
श्री शाह ने बंगाल सरकार से 2018 से राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो को रिपोर्ट नहीं सौंपने पर सवाल किया और पूछा कि सरकार क्या छिपाना चाहती थी।
श्री शाह ने अपने दो दिवसीय बंगाल दौरे के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोई प्रशासनिक जरूरत नहीं है और किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन राज्यपाल की रिपोर्ट पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता ममता सरकार को 2021 के विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेकेगी।
श्री शाह ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने भाजपा के 200 से ऊपर सीटें जीतने का दावा किया। गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया कि चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव कराएगा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता से 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीताने के लिए अपील की है। इसके अलावा उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य अपना खोया हुआ गौरव प्राप्त कर लेगा।
श्री शाह ने कहा कि लोगों के मन में तृणमूल सरकरा के पिछले नौ वर्षों के निरंकुश शासन को लेकर भारी रोष व्यापत है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में तीन प्रकार के कानूनों का शासन था।एक भतीजे के लिए, दूसरा वोट बैंक के लिए और तीसरा आम लोगों के लिए था। श्री शाह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अब अपने भतीजे को कुर्सी पर बैठाना चाहती हैं।