लखनऊ: 02 जून, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज उनके सरकारी आवास पर अयोध्या को विश्व स्तरीय धार्मिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके माध्यम से दृष्टिकोण प्रपत्र, कार्यान्वयन रणनीति एवं समेकित अवसंरचना विकास योजना के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के पुरातन, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत केन्द्र व राज्य सरकार इसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रही हैं। अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के प्राचीन गौरव तथा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परम्परा एवं पहचान को पुनस्र्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से अयोध्या धाम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के बड़े केन्द्र के रूप में उभरेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यहां सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ होंगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए आवश्यकतानुसार भूमि की व्यवस्था सर्व सहमति से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि अयोध्या नगरी के विकास के लिए सभी सम्बन्धित विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए तेजी से कार्यों को पूरा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या नगरी को वैदिक नगरी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह भलीभांति करें। अयोध्या में हवाई अड्डे के विकास एवं निर्माण के लिए भूमि व्यवस्था के कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या नगरी के विभिन्न मार्गों पर निर्मित किए जाने वाले द्वारों में एकरूपता परिलक्षित होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि इसके निर्माण में अयोध्या के प्राचीन गौरव के साथ-साथ आधुनिकता का समावेश किया जाए। उन्होंने अयोध्या नगरी में सड़कों के चैड़ीकरण तथा बिजली के तारों की अण्डरग्राउण्डिंग के कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अयोध्या नगरी की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं का विकास करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी के समक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विशाल सिंह ने प्रस्तुतीकरण करते हुए उन्हें अयोध्या के दृष्टिकोण प्रपत्र, लक्ष्य, रणनीतियां एवं परियोजनाओं के विषय में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अयोध्या आस्था क्षेत्र को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र और सर्वसमावेशी वैश्विक पर्यटन स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, अयोध्या विकास क्षेत्र को सस्टेनेबल नगर के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
प्रस्तुतीकरण के दौरान पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नीलकंठ तिवारी, मण्डलायुक्त अयोध्या मण्डल श्री एम0पी0 अग्रवाल एवं जिलाधिकारी अयोध्या श्री अनुज कुमार झा ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव नगर विकास श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव परिवहन श्री आर0के0 सिंह, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, विशेष सचिव आवास श्रीमती माला श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के पुरातन, ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत केन्द्र व राज्य सरकार इसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रही हैं। अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ समस्त आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इसका सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के प्राचीन गौरव तथा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परम्परा एवं पहचान को पुनस्र्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक विकास परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से अयोध्या धाम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के बड़े केन्द्र के रूप में उभरेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यहां सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ होंगी। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए आवश्यकतानुसार भूमि की व्यवस्था सर्व सहमति से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि अयोध्या नगरी के विकास के लिए सभी सम्बन्धित विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए तेजी से कार्यों को पूरा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या नगरी को वैदिक नगरी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभाग अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह भलीभांति करें। अयोध्या में हवाई अड्डे के विकास एवं निर्माण के लिए भूमि व्यवस्था के कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या नगरी के विभिन्न मार्गों पर निर्मित किए जाने वाले द्वारों में एकरूपता परिलक्षित होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि इसके निर्माण में अयोध्या के प्राचीन गौरव के साथ-साथ आधुनिकता का समावेश किया जाए। उन्होंने अयोध्या नगरी में सड़कों के चैड़ीकरण तथा बिजली के तारों की अण्डरग्राउण्डिंग के कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अयोध्या नगरी की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं का विकास करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री जी के समक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विशाल सिंह ने प्रस्तुतीकरण करते हुए उन्हें अयोध्या के दृष्टिकोण प्रपत्र, लक्ष्य, रणनीतियां एवं परियोजनाओं के विषय में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अयोध्या आस्था क्षेत्र को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र और सर्वसमावेशी वैश्विक पर्यटन स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, अयोध्या विकास क्षेत्र को सस्टेनेबल नगर के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
प्रस्तुतीकरण के दौरान पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नीलकंठ तिवारी, मण्डलायुक्त अयोध्या मण्डल श्री एम0पी0 अग्रवाल एवं जिलाधिकारी अयोध्या श्री अनुज कुमार झा ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव नगर विकास श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव आवास श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव परिवहन श्री आर0के0 सिंह, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, विशेष सचिव आवास श्रीमती माला श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें।
सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।