लखनऊ। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान परिषद द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवा आयुष 64 का वितरण सेवा भारती के माध्यम से अवध प्रान्त के सभी गांवों किया जा रहा है। लखनऊ स्थिति क्षेत्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसन्धान केन्द्र को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों के लिये नोडल सेंटर बनाया गया है।संस्थान के डॉ संजय कुमार व डॉ वी.के. श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
नोडल सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी से ग्रसित उन रोगियों को ये दवा दी जा रही है जो एसिंप्टोमेटिक (अलाक्षणिक), माइल्ड एवं मॉडरेट लक्षणों वाले रोगी हैं और वे होम आइसोलेशन में है।
डॉ देवेंद्र अस्थाना के अनुसार अवध प्रान्त के लगभग 11 हजार 700 गाँवों में यह दावा कोरोना संक्रमित लोगों को दी जा रही है। अभी 1 लाख 50 हजार गोलियां वितरण के लिये दी गयी हैं, आवश्यकता पड़ने पर और भेजी जायेगी।
दवा में विद्यमान है बहुमूल्य औषधियां
डॉ अशोक दुबे के अनुसार आयुष 64 दवा सप्तपर्णी का तना, कुटकी की जड़, चिरायता का पञ्चाङ्ग तथा कुबेराक्ष के बीज का चूर्ण जैसी भारतीय बहुमूल्य जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाई गयी है। विशेषज्ञों ने इसे कोरोना महामारी के समय में एक उम्मीद की किरण बताया है। वैसे इस दवा को मूलरूप से मलेरिया के उपचार के लिए 1980 में विकसित किया गया था। देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा एम्स जैसे संस्थानों में क्लीनिकल परीक्षण के परिणाम स्वरूप अब इस दवा को कोविड 19 के उपचार के लिए भी ज़्यादा कारगर पाया गया है,इसमें विपरीत नतीजे निकलने का कोई ख़तरा भी नहीं है।
लखनऊ में बनाये गये हैं चार केन्द्र
आयुष- 64 दवा लखनऊ महानगर में सेवाभारती के कार्यकर्ताओं के द्वारा चार स्थानों पर वितरित की जा रही है।
महानगर के सेवा भारती के सचिव एम.बी.सिंह राजावत के अनुसार औषधि वितरण इंदिरा नगर सेक्टर-ए के सरस्वती विद्या मंदिर में, अलीगंज सेक्टर क्यू सरस्वती विद्या मंदिर में, आलमबाग के पास मुंडा वीर मंदिर एवं रकाबगंज में सेवा भारती के कार्यालय भरत भवन से किया जा रहा है।
सेवा भारती से जुड़े स्वयंसेवकों, चिकित्सकों व आयुष विभाग के अधिकारियों के द्वारा इन केंद्रों की का संचालन किया जा रहा है। महानगर में आयुष 64 से संबंधित उपलब्धता के लिये एम.बी.सिंह
राजावत 9415523037, डॉ अनुपम 9839288764 व पवन मिश्रा 9453178861 से भी संपर्क किया जा सकता है।