उत्तर प्रदेश में ई-को-टूरिज्म क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा

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उत्तर प्रदेश में ई-को-टूरिज्म क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टेक होल्डर के परामर्श
लखनऊ, 22 जनवरी 2021। पी एच डी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने 22 जनवरी 2021 को उत्तर प्रदेश में ईको-टूरिज्म क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टेक होल्डर के परामर्श पर इंटरैक्टिव वेबिनार सत्र का आयोजन किया।
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में काम करने वाले हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों / चुनौतियों पर चर्चा करना था और उनकी उम्मीदों / सुझावों को इकोटूरिज्म डिपार्टमेंट को साझा करना था।
मुख्य वक्ता:
• श्री मुकेश कुमार मेश्राम, आईएएस, प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति, उत्तर प्रदेश सरकार
• श्री शिव पाल सिंह, आईएफएस, प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड / विशेष सचिव पर्यटन, उत्तर प्रदेश सरकार
• श्री प्रवीण सिंह, प्रबंध निदेशक, यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड
• श्री दीपक डोडानी, निदेशक, सेल्स और मार्केटिंग, हयात रीजेंसी लखनऊ
• श्री हरमीत सिंह, संस्थापक, एक्स्सुल ट्रेवल
• श्री रोहित वर्मा, संस्थापक, फोकस इन नेचर
श्री मुकेश कुमार मेश्राम, आईएएस, प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति, उत्तर प्रदेश सरकार कहा कि उत्तर प्रदेश एक धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रदेश है और सरकार ने कुछ वाइल्डलाइफ एवं बर्ड सेंचुरी क्षेत्र परिभाषित किए हैं जैसे पीलीभीत, बुंदेलखंड दुधवा, कतर्नियाघाट । उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का उद्देश्य है कि इको पर्यटन को स्वतंत्र निकाय बनाना और इसे संभव करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने सभी स्टेकहोल्डर से सुझाव भी मांगे हैं।
उन्होंने बताया स्टेकहोल्डर एवं निवेशको के प्रश्नों का दिन प्रतिदिन उत्तर देने के लिए एक प्रमोशनल सेल स्थापित करने जा रही है। इको पर्यटन २०१८ पॉलिसी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निवेशकों की मदद करने के लिए तत्पर हैं और उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में गंगा के दोनों किनारे में लगभग एक हजार से ज्यादा गांव है और बारिश के मौसम के बाद यह स्थान सूखे सूख जाते हैं उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें गंगा ग्राम एवं गंगा तालाब के नाम से परिभाषित किया है जहां पर लोग हर्बल प्लांटेशन, ऑर्गेनिक प्लांटेशन, वाटर स्पोर्ट्स एडवेंचर भी कर सकते हैं।
श्री शिव पाल सिंह, आईएफएस, प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड / विशेष सचिव पर्यटन, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा उत्तर प्रदेश सबसे समृद्ध संस्कृति है जहां अनेक प्रकार के भोजन/ व्यंजन की संस्कृति है। उत्तर प्रदेश इको पर्यटन के लिए बहुत महत्वपूर्ण गंतव्य है और उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार एंटरप्रेन्योर को सपोर्ट और ठोस सहायता के लिए तत्पर है उन्होंने इको पर्यटन नीति के अंतर्गत आने वाले इंसेंटिव्स के बारे में बताया जैसे होटल एवं पर्यटन स्थापित करने के लिए पूंजी लगाने में 15% परसेंट सब्सिडी, वितरण के लिए कौशल विकास में सहायता एवं एम एस एम ई को 25% की सब्सिडी उत्तर प्रदेश एमएसएमई विभाग द्वारा दी जा रही है।
श्री हरमीत सिंह, संस्थापक, एक्स्सुल ट्रेवल ने कहा कि ना केवल सरकार बल्कि स्थानीय जन समुदाय के लोगों की जिम्मेदारी है कि लोकल पर्यटन को बढ़ावा दें उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए ठहरने वाले स्थानों पर जैसे होटल रिसोर्ट स्थानीय समुदाय जगहों पर लोकल स्थानीय संस्कृति को जरूर उजागर करना चाहिए स्थानीय समुदाय के लोगों को भी स्थानीय पर्यटन स्थलों में बायो ग्रेडेबल चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।

श्री रोहित वर्मा, संस्थापक, फोकस इन नेचर ने बताया कि को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी एक अहम भूमिका निभा सकती है अगर हम तकनीकी की मदद से लोगों को पर्यटन स्थल के बारे में बताएं, स्थल की दृश्य दिखाएं एवं वह उस स्थल की बुकिंग घर बैठे भी कर सकते हैं इसकी जानकारी दें तो इको पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
श्री दीपक डोडानी, निदेशक, सेल्स और मार्केटिंग हयात रीजेंसी लखनऊ उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि विभिन्न चैनल होने की जगह 1 चैनल होना आवश्यक है चैनल में 3 स्टेकहोल्डर्स होने जरूरी हैं सरकार, निवेशको एवं स्थानीय समुदाय।
श्री राजन सहगल को चेयरमैन पी एच डी चैंबर एवं श्री अतुल श्रीवास्तव, रेजिडेंट डायरेक्टर ने अच्छी तरह से संचालित किया।
श्री प्रवीण सिंह, प्रबंध निदेशक, यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड ने सभी प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को इस सार्थक सत्र के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
वेबिनार में बहुत अच्छी तरह से बातचीत हुई और पी एच डी चैंबर के सदस्यों ने भाग लिया।

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