उत्तर प्रदेश में किसानों के अपमान पर विपक्ष “लाल”

0
329

उत्तर प्रदेश में किसानों के अपमान पर विपक्ष “लाल”

पराली जलाने पर 143 किसानों पर मुकदमा, 23 को जेल, पहले गडकरी बोले थे एक टन पराली में 250 लीटर एथनॉल बनता है, बाद में नहीं लिया खोज-खबर

Advertisment

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों पर कहर बन कर टूट पड़ी है।किसानों के हित का कसीदा पढ़ कर सत्ता में आयी उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अब उन्हीं का मानमर्दन करने पर भिड़ गयी है। धान की कटाई के बाद किसानों के खेत में पड़े पराली को जलाने के जुर्म में लगभग डेढ़ सौ किसानों पर मुकदमे दर्ज किया गया। लेखपालों की शिकायत पर किसान जेल भेजे गये। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले जब यूपी में आते थे तो घूम-घूम कर बताते थे कि एक टन पराली से 250 लीटर एथनॉल तैयार हो सकता है। जिसकी कीमत लगभग पैट्रोल के कीमत के लगभग आधी होगी। इससे किसानों की आय बढ़ जायेगी। लेकिन अब पराली उत्तर प्रदेश के किसानों के लिये मुशीबत बन गयी है। सरकार के पास पराली की समस्या का धरातल पर कोई फार्मूला नहीं है। जिसके कारण किसानों को जेल जाना पड़ रहा है। एसडीएम के कड़ें निर्देश के कारण लेखपाल किसानों के विरुद्ध मुकदमा लिखवाने में कोई चूक नहीं कर रहे हैं। पुलिस उन्हें अपमानित करने का अवसर नहीं छोड़ रही है। पराली जलाने के आरोप में सिद्धार्थनगर में प्रशासन ने 17 किसानों से 47500 रुपया जुर्माना वसूल किया है। सहारनपुर में भी 12 किसानों को जेल भेजा गया, हरदोई में 19 किसानों पर मुकदमा दर्ज किया गया, 5 को जेल भेजा गया। इटावा में 26 किसानों पर मुकदमा दर्ज हुआ। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सैटेलाइट से खेतों की निगरानी की जा रही है। पराली जलाने पर रोक है, जो पराली जलायेगा उसकी शिकायत होगी। पराली जलाने के आरोप में उत्तर प्रदेश के किसानों को जेल भेजने की चारो ओर निंदा हो रही है। विपक्षी पार्टियों को लगे हाथ मुद्दा मिल गया। किसानों पर एफआईआर और उनको जेल में बंद करने से विपक्ष योगी सरकार पर एकजुट होकर हमलावर हो गया। परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री बैकफुट पर आ गये। पराली जलाने के जुर्म में मैनपुरी पुलिस जिस दुर्व्यवहार के साथ किसान को अपमानित करके घसीट रही है वह दृश्य देख कर हर कोई अवाक रह गया। बताते हैं कि गुरुवार को एसडीएम रामसकल मौर्य पुलिस बल और उप कृषि निदेशक डीवी सिंह के साथ क्षेत्र में चेकिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान पराली जलाने के 5 मामले सामने आए। मौके पर ही एसीएम ने इन किसानों को पकड़ने का आदेश दिया। प्रभारी निरीक्षक अजीत सिंह ने सबके सामने किसान का कालर पकड़ कर घसीटते हुये ले गये।पांचों किसानों को जेल भेज दिया गया।किसान के अपमान का वीडियो फुटेज मीडिया में चलेने के बाद योगी सरकार के विरुद्ध जनाक्रोश सुलग उठा है। दोपहर तक समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को निशाने पर ले लिया। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने टियूट कर कहा कि किसानों का वोट अच्छा, धान अच्छा लेकिन पराली खराब है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार पराली जलाने पर किसानों को जेल भेज रही है, क्या प्रदूषण की खराबी के जिम्मेदार किसान हैं? राजनैतिक प्रदूषण फैलाने वालों को जेल कब होगा। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि किसानों को जेल भेजना हर दृष्टि से निंदनीय है।इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की एकजुटता और सरकार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश को भांपते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को परेशान न किया जाय। बल्कि उन्हें जागरूक किया जाय। लेकिन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी एसडीएम पराली जलाने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने से बाज नहीं आ रहे हैं।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here