उत्तर प्रदेश में सभी जरूरतमन्दों के राशन कार्ड बनेंगे, क्वारण्टीन सेण्टर्स की निगरानी सख्त

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्वारण्टीन सेण्टर में ही प्रत्येक कामगार/श्रमिक की स्किल मैपिंग करने के निर्देश देते हुए कहा है कि होम क्वारण्टीन के दौरान प्रत्येक कामगार/श्रमिक की निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसके लिए प्रत्येक स्तर पर निगरानी समितियों को गठिन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक 18 लाख श्रमिकों/कामगारों का डाटा उपलब्ध हो चुका है। इसी प्रकार, सभी श्रमिकों/कामगारों का डाटा उपलब्ध कराए जाने के प्रयास सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि 01 जून, 2020 से चलायी जाने वाली स्पेशल टेªनों के माध्यम से भी प्रदेश में लोग आएंगे, जो प्रत्येक जनपद में पहुंचेंगे उनके साथ भी कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के अनुसार ध्यान देते हुए कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सजगता, सतर्कता व सक्रियता से ही कोरोना संक्रमण पर विजय मिलेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 01 जून, 2020 से खाद्यान्न वितरण पुनः प्रारम्भ होगा, इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। प्रत्येक कोटे की दुकान में नोडल अधिकारी की देख-रेख में खाद्यान्न वितरण करवाए जाएं। सभी जरूरतमन्दों के राशन कार्ड बनाए जाएं। वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाद्यान्न वितरण किया जाए। किसी भी हाल में भीड़ एकत्रित न होने पाए। घटतौली या अन्य किसी प्रकार की अव्यवस्था के सम्बन्ध में कोई शिकायत न मिले।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाॅकडाउन का चैथा चरण अन्तिम पायदान पर है। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है, जिसे देश-दुनिया में सराहा गया है। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लागू किए गए लाॅकडाउन में तीन प्रमुख चुनौतियां-मेडिकल इंफेक्शन, मण्डी व बाजार तथा श्रमिक/कामगार हैं। अतः कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के सम्बन्ध में इन सभी चुनौतियों के प्रति सतर्क रहते हुए सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में जनता का पूरा सहयोग लिया जाए। पिछले काफी समय में लोग इससे बचाव के तरीकों के बारे में पूरी तरह से प्रशिक्षित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को सावधानी व सतर्कता से रोका जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कामगार/श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। मई के अन्त तक लगभग 30 लाख श्रमिक/कामगार प्रदेश में आ जाएंगे। उन्होंने रेलवे स्टेशन से श्रमिकों/कामगारों को क्वारण्टीन सेण्टर ले जाने के निर्देश देते हुए कहा कि क्वारण्टीन सेण्टर में भोजन, शुद्ध पेयजल तथा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारण्टीन सेण्टर में साफ-सफाई तथा शौचालयों की व्यवस्था सुचारु रूप से उपलब्ध हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग में जो श्रमिक/कामगार स्वस्थ हों, उन्हें होम क्वारण्टीन ले जाया जाए। उन्हें 1000 रुपए भरण-पोषण भत्ता तथा राशन किट उपलब्ध कराया जाए। जिनमें कोविड-19 के लक्षण पाए जाएं, उनकी पूल टेस्टिंग कराकर क्वारण्टीन सेण्टर मंे ही रखे जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पाॅजीटिव पाए जाने पर तुरन्त कोविड हाॅस्पिटल ले जाया जाए। पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बच्चों व नवजात शिशुओं तथा कमजोर लोगों को संक्रमित पाए जाने पर उन्हें तुरन्त कोविड लेवल-2 अथवा लेवल-3 हाॅस्पिटल में पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 28 मई, 2020 को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सी0एम0ओ0, सी0एम0एस0 एवं चिकित्सा संस्थानों के अध्यक्षों व प्राचार्याें से संवाद स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एडीशनल डायरेक्टर, ज्वाइण्ट डायरेक्टर को प्रत्येक जनपद में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमें आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें, ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके और संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को न्यूनतम किया जा सके। कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर को हर हाल में कम रखना है। उन्होंने कहा कि जनपदों में पर्याप्त संख्या में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क तथा अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सभी जनपदों में स्थापित एल-1, एल-2 तथा एल-3 स्तर के कोविड अस्पताल सुचारु रूप से कार्य करें। इसी प्रकार, नाॅन कोविड हाॅस्पिटल अन्य गम्भीर मरीजों को इलाज मुहैया कराएं। इन सभी अस्पतालों में साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हों, ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति सुचारु रूप से मिलती रहे और मरीजों के कमरों में पंखे चलते रहे, बेडशीट प्रतिदिन बदली जाए। अस्पतालों में आॅक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एल-2 अस्पतालों में वेण्टीलेटर स्थापित कर उन्हें क्रियाशील किया जाए। अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पैरामेडिक्स उपलब्ध रहें। डाॅक्टर लगातार राउण्ड पर रहें। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम के साथ संवाद स्थापित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं को आरम्भ करने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। अगर कहीं पर यह इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं आरम्भ न हुई हों, तो उन्हें तत्काल प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में मेडिकल टीम अत्यन्त महत्वपूर्ण है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। मेडिकल इंफेक्शन को प्रत्येक दशा में रोका जाए। मेडिकल टीम और निगरानी समितियों के साथ निरन्तर संवाद बनाते हुए उन्हें सक्रिय रखा जाए। प्रत्येक जनपद में राज्य सरकार की उपलब्धियों, नीतियों व कार्यक्रमों के बारे में भी जनता को अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कार्यरत अन्य राज्यों के जनपदों के कामगार/श्रमिक, जो अपने गृह जनपद जाने के इच्छुक हैं, उनकी सूची अपर मुख्य सचिव गृह को उपलब्ध करा दी जाए। उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से अपने गृह जनपद आने वाले श्रमिक/कामगार के पास यदि होम क्वारण्टीन की व्यवस्था न हो, तो उसे क्वारण्टीन सेण्टर पर ही रखा जाए। सभी क्वारण्टीन सेण्टर्स की लगातार माॅनीटरिंग की जाए और कोविड-19 सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में क्वारण्टीन सेण्टर व कम्युनिटी किचन प्रभावी ढंग से संचालित किए जाएं। इनके सम्बन्ध में नियमित रिपोर्ट भेजी जाए। यदि कोई समस्या है तो उच्चाधिकारियों तुरन्त सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से अपने प्रदेश वापस लौटने वाले लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार करते हुए, उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने राजस्व, भूमि, पारिवारिक विवादों पर ध्यान देते हुए व्यवस्थित तरीके से कार्य किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन द्वारा भी लगातार संवाद स्थापित करते हुए श्रमिकों/कामगारों के बारे में जानकारी ली जा रही है। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान करते हुए, यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी घटना बड़े विवाद का कारण न बने।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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