ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर दिव्यांगों को छह करोड़ का नकद पुरस्कार देगी यूपी सरकार!

0
199

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश का कोई दिव्यांग यानी पैरा खिलाड़ी पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतेगा तो उसे राज्य सरकार छह करोड़ रुपये का नगद पुरस्कार देगी। यही नहीं रजत पदक जीतने पर चार और कांस्य पदक जीतने पर दो करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

manoj shrivastav

यही नहीं टीम इवेंट में भी करोड़ों रुपये का पुरस्कार मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार खेल विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।अब सामान्य खिलाड़ियों की तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर के जरिए दी। राज्य के पैरा यानी दिव्यांग खिलाड़ियों को अब अभ्यास या प्रतियोगिताओं के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें वे सारी सुविधाएं खेल विभाग की तरफ से मुहैया कराई जाएंगी जो सामान्य खिलाड़ियों को दी जाती हैं। इसके तहत अब पैरा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण कैम्प लगेंगे। प्रतियोगिताओं में उन्हें हिस्सा लेने के लिए आने-जाने का किराया और पूरी किट प्रदान की जाएगी। सामान्य खिलाड़ियों की तरह पैरा खिलाड़ियों को भी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीतने पर नगद पुरस्कार दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत पदक जीतने पर न्यूनतम एक लाख रुपया और अधिकतम छह करोड़ रुपये तक मिलेंगे। वहीं टीम स्पर्धा में  न्यूनतम 25 हजार से तीन करोड़ रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत पदक जीतने पर न्यूनतम  50 हजार और अधिकतम एक लाख रुपया प्रदान किया जाएगा। टीम स्पर्धा में न्यूनतम 20 हजार और अधिकतम 40 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा जूनियर और सब जूनियर वर्ग में भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने पर नगद पुरस्कार दिया जाएगा। दिव्यांगों के उत्थान के लिये पिछले 25 वर्ष देश भर में सक्रिय अमरेश चंद्रा ने कहा कि इस फैसले से राज्य के पैरा खिलाड़ी नए जोश और उत्साह के साथ अभ्यास करेंगे और पदक जीतेंगे। उन्होंनेे कहा कि सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों को दिव्यांगों की सुविधानुसार विकसित किया जाय। यूपी में आ जो संस्थान दिव्यांगों के उत्थान के नाम पर उनके हितों पर डाका डाल रहे हैं उन पर शिकंजा कसने में सरकार का रवैया बहुत शिथिल है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिये किये गये कार्यों की सराहना किया।

Advertisment
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here