काशी-मथुरा बाकी है- नरेंद्र गिर, अध्यक्ष अखाड़ा परिषद

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने पर अब काशी और मथुरा को मुक्त कराने की भी मांग उठने लगी है। साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब काशी और मथुरा मुक्त कराने की मांग की है।

manoj shrivastav

द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने की रणनीति तैयार करने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सोमवार सात सितंबर को एक अहम बैठक बुलायी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले, प्रयागराज परिक्रमा मार्ग,श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा और काशीविश्वनाथ मंदिर वाराणसी की मुक्ति पर चर्चा होगी। इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। महंत नरेंद्र गिरि ने दोका सामना से बात-चीत में कहा कि मुगलों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में तोड़-फोड़ किया उसके बाद मंदिर के ऊपर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था। आज जब वहां पर खुदाई हो रही है तो वहां पर सुरंग और मंदिर के दूसरे अवशेष मिल रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वहां पर मंदिर ही है।दोका सामना ने पूछा कि क्या जब औरंगजेब ने शिवजी महाराज को आगरा जेल में कैद करके रखा था, उसके बाद शिवजी महाराज मुगलों को चकमा देकर वहां से निकल गये थे। वह पश्चिम में उनकी घेराबंदी किया लेकिन वह काशी चले आये थे। इसके बाद शिवजी महाराज पुनः शक्तिशाली होकर पश्चिम गये। जब औरंगजेब को पता चला कि वह काशी में थे तो इससे खीझ कर उसने काशीविश्वनाथ मंदिर पर हमला कराया। इसके बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरीजी महाराज ने कहा कि आप बिल्कुल सही बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन मंदिरों की बात थी। एक श्रीरामजन्मभूमि स्थान पर विराजमान भगवान रामलला के मंदिर के प्रकरण का समाधान हो गया। शेष काशीविश्वनाथ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जाइये मंदिर का दर्शन करने और वहां मस्जिद का दर्शन होता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान एक-दो तो होगा नहीं, न ही यह एक-दो दिन का मामला है। इसके लिये मिल बैठ कर चर्चा करके ही नयी रणनीति बनेगी। उन्होंने कहा है कि कोरोना की वैश्विक महामारी के बढ़ रहे संक्रमण के चलते जनवरी 2021 में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले की तैयारियों पर भी इसका असर पड़ सकता है।इसलिए कोरोना काल में प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन कैसे होगा, इस पर साधु-संतों से विचार विमर्श करने के लिए ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बैठक बुलायी है।यह बैठक आज श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में सुबह 11 बजे से होगी।जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी कहा है कि इस बैठक में केन्द्र और राज्य सरकार की कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया जायेगा।

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