किसानों के ट्रैक्टर परेड को अनुमति, खड़े कर रही कई सवाल

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नयी दिल्ली। किसानों के ट्रैक्टर परेड पर देश भर की नजर है। कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन अब चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ते हुए ट्रैक्टर परेड तक पहुंच गया है। कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद केंद्र सरकार लगातार किसानों को मनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसान फिलहाल आंदोलन की राह छोड़ने को तैयार नजर नहीं आ रहे। ट्रैक्टर परेड करके किसान अपनी शक्ति का प्रदर्शन देश की राजधानी में करना चाहते हैं। पहले तो केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अनुमति देने को तैयार नहीं थी लेकिन अब किसान नेताओं ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने उन्हें ट्रैक्टर परेड की अनुमति प्रदान कर दी है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या केंद्र सरकार अब किसानों की बात मानने को तैयार हो रही है, अगर ऐसा है तो तो किसान क्या किसान भी सरकार के रुख को देखते हुए नरम रुख अख्तियार कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो उन राजनीतिक दलों को बड़ा झटका लग सकता है जो इस किसान आंदोलन की आड़ में अपनी सियासी रोटी सेकना चाहते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि बहुत से राजनीतिक दल अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पाने के लिए किसानों के इस आंदोलन को ढाल बनाकर और लंबा खींचना चाहते हैं। किसान संगठन पिछले दो माह से कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ और फसलों के नियनूतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने कि मांग को लेकर राजधानी की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के साथ किसान संगठन ओ की ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओ ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गई है।

पुलिस के साथ बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओ ने संवाददाताओं को बताया कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में किसान गणतंत्र दिवस परेड निकला जाएगा।

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किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि पुलिस के साथ पांच दौर की बैठक के बाद ट्रेक्टर परेड निकालने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि पांच रास्तों से परेड निकली जाएगी। यह परेड गण की प्रतिष्ठा बचाने के लिए है।

श्री यादव ने कहा कि पूरे देश से किसान परेड में हिस्सा लेने के लिए आएंगे और दिल्ली के अंदर जायेंगे। पुलिस की ओर से परेड को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।

एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस के साथ बैठक में पांच रास्तों पर परेड निकालने पर सहमति हुई है। किसान दिल्ली की सीमा पर जहां जहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहां से परेड निकली जाएगी। किसान मुख्य रुप से सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं।

श्री पाल ने बताया कि परेड शांतिपूर्ण होगा और यह करीब एक सौ किलोमीटर तक जाएगा। उन्होंने दावा किया कि परेड में करीब डेढ़ लाख ट्रेक्टर हिस्सा लेगा।

पंजाब , हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों से ट्रेक्टर लेकर राजधानी में आने का आग्रह किया गया है।

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