कृषि बिल की वापसी से उत्साहित राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दिखाया दम

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कृषि बिल की वापसी से उत्साहित राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दिखाया दम
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कृषि कानूनों की वापसी ने कर्मचारियों को भी नया जोश दे दिया है। उन्हें भी लगने लगा है कि दबाव बनाने पर मांग मानी जा सकती है। इसी को लेकर रविवार को कर्मचारी संगठनों ने लखनऊ में हल्ला बोला और पुरानी पेंशन बहाली की मांग दोहराते हुए हुंकार लगाई। ऑल टीचर्स इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) पेंशन बचाओ मंच की ओर से पेंशन शंखनाद रैली का आयोजन किया गया। इको गार्डन (धरना स्थल) पर 50 से ज्यादा संगठनों के 50 हजार कर्मचारी पहुंचे हैं। हाथों में तिरंगा और अलग-अलग स्लोगन लिखी तख्तियों के साथ कहीं नारेबाजी होती रही तो कहीं तरह तरह से विरोध प्रदर्शन होता रहा। बताया गया कि प्रदेश के कोने-कोने से आ रहे सैकड़ों कर्मचारी अभी रास्ते में हैं, धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।

उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने बताया कि सरकार के खिलाफ सब एक साथ लड़ाई लड़ेंगे। अयोध्या, आजमगढ़ मऊ, बरेली, बलिया, बनारस, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, देवरिया, गोरखपुर, फिरोजाबाद सहित अन्य शहरों से हजारों की संख्या में कर्मचारी पहुंचे हुए हैं। दुबे ने कहा का दावा है कि पुरानी पेंशन की लड़ाई में यह शंखनाद रैली निर्णायक साबित होगी। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि कृषि कानूनों की तरह न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) व्यवस्था को वापस लेकर लाखों लाख शिक्षकों-कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में पुरानी पेंशन का संबल प्रदान करें। प्रदेश महामंत्री डॉ नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षक, सफाई कर्मचारी सहित कई अन्य विभागों के कर्मचारी पहुंचे हैं। इको गार्डन कर्मचारियों से भर गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे। पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव ने कहा कि पेंशन शंखनाद रैली में पीडब्ल्यूडी के सभी जिले के कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर कमर कस ली है।

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2005 से नई पेंशन व्यवस्था लागू है
यूपी समेत देश के ज्यादातर राज्यों में 2005 के बाद से नई पेंशन व्यवस्था लागू है। कर्मचारियों ने इसको जुआ बताया है। आरोप है कि इससे कर्मचारियों को नुकसान होगा। उसके अलावा पर्याप्त पेंशन भी नहीं मिलेगा। ऐसे में एक बार फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही है। श्रम एवं सेवा योजन के महामंत्री अमित कुमार यादव ने कहा कि पेंशन शंखनाद रैली ऐतिहासिक होगी। इससे पहले तैयारी बैठक में विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष व महामंत्री शामिल हुए और सभी ने बढ़ चढ़कर रैली में हिस्सा लेने की अपील की थी।

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