मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कमिश्नरेट पुलिस ने सोमवार को जालसाज, सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने और गिरोह बनाकर अवैध संपत्तियां हासिल करने वाले अजमत अली और सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे उसके बेटे मो. इकबाल की संपत्तियों को कुर्क कर दिया है। अजमत अली की गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रिया कलाप के अधिनियम की धारा 14 (1) के तहत कुर्क की कुल संपत्ति की कीमत 2.54 अरब रुपये है। इस दौरान मड़ियांव, जानकीपुरम, अलीगंज सहित कई थानों की पुलिस व कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
एसीपी अलीगंज अखिलेश सिंह के मुताबिक पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के आदेश पर सोमवार को 14(1) की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान पुलिस ने सभी संपत्तियों की सूची तैयार की। जिसे संबंधित विभागवार बनाया गया। इसके बाद संबंधित विभाग को भी इस मामले की जानकारी दी गई। देर शाम तक करीब चार करोड़ से अधिक की लग्जरी गाड़ियों को मड़ियांव थाने पहुंचाया गया। उनकी सूची बना दी गई है। जिसे दोनों आरोपियों के परिजनों को रिसीव कराया गया है।
26 वर्ष पूर्व ट्रस्ट बना कर जुटाया अकूत संपत्ति
एसीपी अलीगंज अखिलेश कुमार के मुताबिक अजमत अली ने 26 साल पहले 1995 में कैरियर कान्वेंट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्माण किया था। इसके बाद से उसने सरकारी रास्तों, चकरोड, व सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करना शुरू कर दिया। इसी अवैध कमाई से 1998 से 2000 के बीच में कैरियर कान्वेंट कालेज बनाया। इसके बाद 2007 में कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाइवे के साथ मिलाकर बनाना शुरू किया। अजमत अली ने सार्वजनिक स्थानों, चकरोड, नवीन परती जमीन को अपने ट्रस्ट में समाहित कर लिया। उन पर भी निर्माण करा लिया। आरोप है कि यह सारी संपत्ति अपने दबंगई और आपराधिक कारनामों के बदौलत हासिल की गई।
1200 रुपये की करता था नौकरी
मड़ियांव इलाके के घैला गांव का रहने वाला अजमत अली काफी सामान्य परिवार से था। परिवार में कई भाई व बहन थे। पैतृक संपत्ति सिर्फ नाममात्र की थी। परिवार का पालन नहीं हो पा रहा था। परिवार के पालन पोषण के लिए अजमत अली ने निषार अली नाम के व्यक्ति यहां 1200 रुपये प्रतिमाह की नौकरी शुरू की। लेकिन ऊंची उड़ान भरने की चाहत में उसने गिरोह बनाकर अवैध तरीके से संपत्तियां बनानी शुरू कर दी। इस काम में उसका बेटा मो. इकबाल भी शामिल हो गया। मड़ियांव थाने में अजमत अली पर पहला मुकदमा 2000 में मारपीट व एससीएसटी धारा में दर्ज हुआ था। इसके दस साल बाद हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ। धीरे-धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया। आरोपी अजमत अली के खिलाफ मड़ियांव थाने में ही आठ मुकदमें दर्ज है। जिसमें हत्या के प्रयास, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर संपत्तियां बनाने व बलवा जैसे मामले हैं। वहीं, अजमत के बेटे मो. इकबाल पर मड़ियांव थाने में तीन मुकदमे दर्ज है।
मेडिकल कॉलेज से लेकर लग्जरी गाड़ियां पुलिस के कब्जे में
कार्रवाई की जद में आई संपत्तियाें में कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज एंड हॉस्पिटल (एकेडमिक ब्लाक, हॉस्पिटल, कैंपस), एमबीबीएस ब्वायज हॉस्टल, कैरियर पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल सांइस एंड हॉस्पिटल (डेंटल कॉलेज, डेंटल हॉस्पिटल, नर्सिंग कॉलेज, स्टेडियम, भवन इंटर्न ब्वायज हॉस्टल व परिसर), बीडीएस गर्ल्स हॉस्टल, बीडीएसी ब्वायज हॉस्टल, एमबीबीएस गर्ल्स हॉस्टल, नर्सेस हॉस्टल, डॉ. रेजीडंस हॉस्टल, इंटर्न पीजी गर्ल्स हास्टल, कैंटीन, मेस, डेंटल कालेज परिसर में एसटीपी, ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र मुतक्कीपुर, दो मंजिला अधूरा निर्माण, कैरियर कान्वेंट कॉलेज परिसर विकासनगर सेक्टर-5, अर्धनिर्मित दो मंजिला भवन, घैला, मुतक्कीपुर, अल्लूनगर डिगुरिया, बरौरा हुसैनबाड़ी, अलीनगर में स्थित भूमि जिसकी कीमत 2,52,58,52,421 रुपये व पंजाब नेशनल बैंक घैला, एक्सिस बैंक शाखा आईआईएम रोड, एसबीआई पांडेयगंज नादानमहल रोड, आईसीआईसीआई नादान महल रोड में अजमत अली और मो. इकबाल व उनके परिवारी जनों और ट्रस्ट के नाम से जमा 77,35,530 रूपये शामिल है। इसके अलावा स्वयं और ट्रस्ट केनाम से खरीदी गई लग्जरी गाड़ियां जिनमें बस, क्वालिस, इनोवा, फार्रच्यूनर, ऑडी व अन्य वाहन जिसकी कीमत 10,91,15,000 रुपये है। कुर्की की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सारी संपत्तियों को जब्त कर लिया है।