कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में एक एक हज़ार रुपए का योगदान करेंगे लोकतन्त्र सेनानी

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जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में भेजी जाएगी यह रकम, सूबे में कुल 6032 लोकतन्त्र सेनानी
लखनऊ। लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक और विधान परिषद सदस्य श्री यशवंत सिंह ने बताया है कि सूबे के लोकतन्त्र सेनानी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में इस महीने एक एक हजार रुपए का योगदान करेंगे। इसके लिए जिलाधिकारियों से आग्रह किया जा रहा है कि वह सबको मिलने वाली सम्मान राशि से एक एक हज़ार रुपया काटकर मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में भेज दें। इस समय सूबे में कुल  6032 लोकतन्त्र सेनानी हैं जो सम्मान राशि पा रहे हैं। इसमें 5054 वे हैं जो आपातकाल का विरोधकर खुद जेल में रहे हैं। शेष 578 जेल में बंद रहे लोकतन्त्र सेनानियों की पत्नियां हैं।
कोरोना महामारी को लेकर शुक्रवार को लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति की एक आनलाइन बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री रामसेवक यादव ने की। संचालन संयोजक श्री धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने किया। इस बैठक में बलिया से राधव गुप्ता, सिद्धार्थनगर से एल पी चतुर्वेदी और बेचई यादव,  हरदोई से रामकृष्ण राठौर, रमेश सिंह, आज़मगढ़ से वशिष्ठ पाण्डे, एल बी यादव, शाहजहांपुर से सतवीर सिंह, राम बाबू खंडेलवाल, सुल्तानपुर से नरेंद्र सिंह, सीतापुर से राजेश चन्द्र अवस्थी शिवकुमार खेतान, गाज़ीपुर से विजयशंकर चौबे और सीबी सिंह आदि शामिल रहे।
आन हुई इस बैठक में लोकतन्त्र सेनानी समिति के संरक्षक श्री यशवंत सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हम सभी सेनानियों को कम से कम एक एक हज़ार रुपए का सहयोग मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में करना चाहिए। सभी साथियों ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार किया और कहा कि इस माह एक एक हज़ार रुपए का योगदान किया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारियों से सम्पर्क कर कहा जाएगा कि वह सभी के सम्मान राशि से एक एक हज़ार रुपया काटकर मुख्यमन्त्री रिलीफ़ फण्ड में भेज दें।
बैठक में मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्य नाथ के पिता श्री आनन्द सिंह बिष्ट के निधन पर शोक जताया गया और ईश्वर से प्रार्थना की गई कि वह श्री आनन्द सिंह बिष्ट को अपने चरणों में स्थान दे तथा उनके परिजनों को यह दुःसह दुख सहने शक्ति दे।
ज्ञात हो कि इस दुःसह दुख की बेला भी मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्य नाथ जन रक्षा के मोर्चे पर डटे रहे। सभी  लोकतन्त्र सेनानियों ने मुख्यमन्त्री योगी श्री आदित्य नाथ के इस निर्णय को अतुलनीय बताया।
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