कोरोना रोगियों को यूपी में भी मिली होम आइसोलेशन की अनुमति मिली

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ने कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन की अनुमति को मंजूरी प्रदान कर दी है। लेकिन इसके लिए प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा। होम आईसोलेशन के प्रोटोकाल अलग से जारी किये जायेंगे।

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बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पहले ही इसकी एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। कुछ राज्‍यों ने इसे अपने यहां लागू भी किया है। लेकिन उत्‍तर प्रदेश में इसे अभी लागू नहीं किया गया था। इसकी मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखा था। राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के अलावा दूसरे अन्‍य विशेषज्ञों की ओर से भी यह मांग तेजी से उठ रही थी, अंतत: योगी सरकार ने इसे स्‍वीकार कर लिया है। लेकिन इसकी अनुमति उसी को दी जायेगी जो इसके प्रोटोकाल पूरी तरह से पालन करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार निर्धारित प्रोटोकॉल की शर्तों के साथ कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति देगी, क्योंकि बड़ी संख्या में कोरोना के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छिपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है।केंद्र सरकार की नीति में वैरी माइल्‍ड, प्रीसिम्‍प्‍टोमेटिक और एसिम्‍प्‍टोमेटिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सशर्त घर में ही आईसोलेशन करते हुए उनकी देखभाल की अनुमति होती है।

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मरीजों के होम आईसोलेशन के बारे में आईएमए के प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ अशोक राय और महासचिव डॉ जयंत शर्मा के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में जो निर्देश कहे गये हैं दरअसल उसका फॉर्मूला इंदौर में तैयार किया गया था इसलिए इसे इंदौर फॉर्मूला भी कहते हैं। इसके अनुसार मरीज को एक ऐप डाउनलोड करना पड़ता है, जिलेवार बनाये गये इस ऐप में रोज मरीज के स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी हिस्‍ट्री लिखी जाती है,मरीज को एक छोटा पल्स ऑक्सीमीटर दिया जाता है जिससे पल्‍स रेट, ऑक्‍सीजन सेचुरेशन प्रतिशत प्रत्‍येक चार घंटे में नापकर उस ऐप में लोड करना होता है। इस ऐप से उपचार करने वाले डॉक्‍टर भी जुड़े होते हैं, ऐसे में अगर डॉक्‍टर मरीज के पैरामीटर देखता है कि मरीज को अब भर्ती करने की जरूरत है। चिकित्सक को थोड़ी सी समस्या लगने पर उस मरीज को अस्पताल के एल2 और एल3 सुविधा वाले अस्‍पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है।

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