लखनऊ। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा अपने व अपने परिवार के कोविड टेस्ट से संबंधित फोटो व रिपोर्ट लीक होने के संबंध में एफआईआर की मांग लखनऊ पुलिस द्वारा ठुकरा दी गयी है।
दयाराम साहनी, उपनिरीक्षक, थाना गोमतीनगर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोविड जाँच सरकारी पैसे से सार्वजनिक जाँच के तहत हुई थी, अतः यह गोपनीय जाँच नहीं है तथा व्यक्तिगत निजता में नही आती है। श्री साहनी के अनुसार सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य परीक्षण का फोटो सोशल मीडिया पर डाला गया, अतः किसी विधिक अधिकार का उल्लंघन अथवा कोई अपराध नही है।
थाना गोमतीनगर को भेजी शिकायत में अमिताभ ने कहा था कि 27 अगस्त 2020 को टेस्ट के दौरान कोविड टेस्ट टीम ने उन लोगों के फोटो लिए. उसी शाम 07.13 पर कुछ निजी ट्वीटर हैंडल से उनके परिवार वालों के टेस्ट के समय के फोटो ट्वीट हुए तथा बताया गया कि उनमें कोई कोविड पॉजिटिव नही आया है।
अमिताभ ने पुलिस रिपोर्ट से असहमति जताते हुए कहा है कि घर के अन्दर कोविड जाँच के समय कोविड टीम द्वारा परिवार के लोगों का लिया गया फोटो व कोविड रिपोर्ट स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत निजता का मामला है, अतः वे इस संबंध में विधिक कार्यवाही करेंगे।
कोविड टेस्ट फोटो लीक निजता का उल्लंघन नहीं, FIR नहीं
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