अतः उत्तर प्रदेश राज्य इस संबंध में मानक निर्धारित करेगा। सदन में सभी दलों के सदस्य भौतिक दूरी बनाये रहते हुए इस बार भूतल एवं प्रथम तल पर बैठने तथा दर्शक दीर्घा का भी प्रयोग सदस्यों के बैठने हेतु किया जाने पर विचार किया गया। सभी सदस्यों को सदन में जाने से पूर्व सैनिटाइजेशन एवं मास्क आदि की व्यवस्था पर भी विचार-विमर्श हुआ। विधान सभा में सदस्यों के आगमन पर प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजेशन एवं थर्मल स्कैनर की व्यवस्था कराये जाने पर विचार किया गया।
सदन के अन्दर प्रवेश हेतु भी ‘‘हाॅ’’ और ‘‘न’’ लाबी के द्वार भी खोले जाने पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। सदन में सेन्ट्रल एयर कंडिशनर को सुरक्षित रूप से संचालित किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा इस संबंध में निर्गत किये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने एवं अल्ट्रावाइलेट रेज के फिल्टर भी लगाये जाने पर विचार किया गया। सत्र के दौरान पूर्व सांसदों तथा पूर्व विधायकों के प्रवेश-पत्र भी निलम्बित रखे जाने पर विचार किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के प्रवेश-पत्र भी स्थगित रहेंगे।बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए कैफिटेरिया को संचालित नहीं किया जाएगा। उपर्युक्त सभी विषयों पर सर्वसम्मति से सहमति प्रदान की गयी। बैठक में सभी दलों के नेताओं द्वारा अध्यक्ष को इस हेतु धन्ववाद दिया गया कि उन्होंने समय से पूर्व इन बिन्दुओं पर चर्चा की तथा कोरोना के मध्य सदन को संचालित करने के विषय को गंभीरता से लिया। अध्यक्ष ने कहा गया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा के इस सत्र की ओर देश की सभी विधान सभाओं की दृष्टि रहेगी। अतः हम लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना महामारी के मध्य संवैधानिक बाध्यता के कारण संचालित किये जाने वाले इस सत्र में कोरोना के सभी प्रोटोकाल का गंभीरता से अनुपालन करते हुए मर्यादित ढ़ंग से सम्पन्न करायें। अध्यक्ष द्वारा इस हेतु सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की एवं यह अनुरोध किया गया कि वह अपने दल के सभी सदस्यों को भी इस आशय के निर्देश दें कि इन विषम परिस्थितियों में सदस्यों के सहयोग से ही सुरक्षित रूप से सदन की बैठक संचालित की जा सकती है