माॅस्को । रूस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। रूस के गैमलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोरोना वैक्सीन को ‘स्पूतनिक वी’ नाम दिया गया था। रूस ने कुछ माह पूर्व इसका पंजीकरण करते हुए इसे मंजूरी प्रदान की। दरअसल, रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। यह वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। रूस के गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘स्पूतनिक-5’ के नाम से जानी जाने वाली कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी जायेगी। इस वैक्सीन का उत्पादन संयुक्त रूप से रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा किया जा रहा है।रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस वैक्सीन का समर्थन करते हुए इसे कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी बताया था।
श्री पुतिन ने कहा था कि यह वैक्सीन सभी आवश्यक मानकों पर खरी उतरी है। अब रूस ने कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गयी वैक्सीन की पहली खेप को देश के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण के लिए भेज दिया। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी। वक्तव्य के मुताबिक रूस के राष्ट्रीय महामारी अनुसंधान केन्द्र गैमेलिया की ओर से स्पूतनिक-5 नाम से विकसित वैक्सीन को रूस के विभिन्न क्षेत्रों में भेज दिया गया है। इससे देश में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। पहले उन लोगों को वैक्सीन लगाई जायेगी जिन्हें कोरोना से सर्वाधिक खतरा है।
कोविड-19 वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी, रूस ने भेजी वैक्सीन की पहली खेप
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