गजल नाइट के साथ विदा हुआ लोक कला महोत्सव

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लखनऊ। लोककला महोत्सव न्यास की ओर से अलीगंज के पोस्टल ग्राउंड में चल रहे लोक कला महोत्सव की दसवीं व अंतिम शाम रविवार को गजल नाइट हुई। इसके साथ ही विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया।

महोत्सव के संयोजक मंडल के विनय दुबे ने बताया कि राज्य ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्र और संस्कार भारती के विभाग संयोजक हरीश कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में इसका आयोजन किया गया। राहुल त्रिपाठी और दीपिका सिंह सूर्यवंशी के परिकल्पना, प्रगति सिंह के संयोजन और आयुषि रस्तोगी के संचालन में एक से बढ़कर एक गजलें सुनने को मिली। इसमें वाद्य यंत्रों पर श्याम, रंजीत, आकाश ने बेहतरीन संगत दी।

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गजल कलाकारों में शामिल सरबजीत सिंह, राहुल त्रिपाठी और अनंत ने “अपनी तस्वीर को आंखों से लगाता क्या है”, “दिल धड़कने का सबब याद आया” जैसी गई गजलें सुनाकर महफिल को यादगार बनाया। जानकीपुरम सहारा स्टेट की भाव राग ताल डांस अकादमी के कलाकारों ने लिपिका बापुली के निर्देशन में मनभावन प्रस्तुतियां दी। अन्वेशा श्रीवास्तव, शताक्षी गुप्ता और रिद्दिमा ने प्रभावी भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। इप्शिता अरोड़ा की कथक प्रस्तुति के बाद उदितराज शंकर बैंड की जोशीली प्रस्तुति हुई। सम्मान समारोह में अव्वल नृत्य के लिए श्रीजाम्या को और श्रेष्ठ गायन के लिए सुनंदा को शील्ड दी गई। इस क्रम में किरन सहित अन्य को मेडल और प्रमाण पत्र वितरित किये गए। अंतिम दिन और रविवार होने के कारण मेले में खासी भीड़ रही। लोगों ने जम कर खरीदारी की। बच्चों ने झूले और खानपान का लुत्प भी उठाया।

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