लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आर्थिक पैकेज उन्हीं को दिया है, जिन्होंने अभी तक अर्थव्यवस्था को डुबाया है। इस पैकेज से मजदूरों, किसानों और गरीबों को क्या मिला? गरीब, मजदूर भूखे मर रहे है।
किसान आत्महत्या करने पर विवश है। भाजपा सरकार में पिछले 6 सालों में अर्थव्यवस्था को पहले ही बर्बाद कर दिया था। कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था फ्रीफाल की स्थिति में है। सभी कारोबार में भीषण मंदी है। कौन सा कारोबार चलेगा और कौन सा बंद होगा, कोई नहीं जानता। आज किसान तबाह। यूपी में गन्ना किसानों का बकाया 20 हजार करोड़ रुपया से ज्यादा हो चुका है। लेकिन सरकार को उसके बारे में कोई चिंता ही नहीं। अभी भी गन्ना खेतों में खड़ा है। गेहूं की भी लूट हो गई। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
सरकार आत्मनिर्भर होने की बात करती है। लेकिन आत्मनिर्भर होने का क्या रास्ता है, यह नहीं बताती। ऐसा लगता है कि सरकार किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है। डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किसानों की हजारों हजार एकड़ जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह सब उद्योगपतियों को दी जाएंगी। कोविड-19 के संक्रमण रोकने में सरकार को जितनी जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए थे, वैसा नहीं किया। यह सरकार विपक्षी सुझाव नहीं सुनते। शुरुआत से ही इस बीमारी का राजनीतिक लाभ लेना चाहती थी। पहले ताली और थाली बजवाया। जब परिस्थितियां विस्फोटक हो गई तब विशेषज्ञों ने राय दी तो आनन-फानन में लाॅकडाउन कर दिया।