गाजियाबाद में धर्म परिवर्तन का मामलाः आईएसआई, दाउद, अरविंद केजरीवाल, सजंय सिंह और अमानुल्ला रच रहे साजिश : नंद किशोर गुर्जर

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 -भाजपा विधायक ने गृहमंत्री को पत्र लिखकर किया दावा, कहा हो रही दंगा फैलाने की साजिश
गाजियाबाद। गाजियाबाद के ठाकुर बाहुल्य गांव करहेड़ा में वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के बौद्ध धर्म अपनाने के मामले में लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर भी कूद गए हैं। उन्होंने इस घटना को लेकर दावा किया है कि आईएसआई, दाउद, अरविंद केजरीवाल,सजंय सिंह और अमानुल्ला देश को जातीय दंगों में धकेलने की साजिश रच रहे हैं। करहेड़ा मामले में भी पवन नामक व्यक्ति को धर्मपरिवर्तन कराने के लिए 10 लाख रुपये दिए हैं। देर रात जिला प्रशासन व पुलिस की संयुक्त रूप से की गई जांच में कहा गया है कि करहेड़ा में धर्म परिवर्तन के कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं।
 हाथरस कांड से आहत करहेड़ा गांव में बुधवार को 50 वाल्मीकि परिवारों के 236 सदस्यों ने हिन्दू धर्म छोड़कर सविधान निर्माता डा.भीमराव अंबेडकर के पड़पौत्र राजरत्न अंबेडकर के समक्ष बौद्ध धर्म अपनाने की खबर चली जिसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और जिलाधिकारी डा.अजय शंकर पांडेय व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने करहेड़ा गांव पहुंचकर धर्म परिवर्तन को लेकर लोगों से बात की और उनकी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया। साथ ही जिलाधिकारी ने मामले की जांच एडीएम सिटी व एसपी सिटी से संयुक्त रूप से कराने के आदेश दिए और देर शाम को यह रिपोर्ट भी आ गई जिसमें धर्म परिवर्तन के सुबूत नहीं मिलने की बात कही गई है।
हालांकि लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर दावा किया कि दावा किया है कि आईएसआई,दाउद,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,आप पार्टी के सांसद सजंय सिंह और दिल्ली के विधायक अमानुल्ला देश को जातीय दंगों में धकेलने की साजिश रच रहे हैं। करहेड़ा गांव में जातीय दंगा कराने की नीयत ने इन्होंने दिल्ली के एक होटल में पवन नामक व्यक्ति को दस लाख तथा अन्य लोगों को दो-दो लाख रुपये दिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास इसके पुख्ता सुबूत हैं। इतना ही नहीं कुछ राष्ट्रविरोधी पत्रकारों को भी मामले को तूल देने के लिए रुपये दिए गए हैं। नंद किशोर गुर्जर ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी अपने पत्र में गृहमंत्री से की है। साथ ही कहा कि यदि उनका दावा झूठा निकला तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
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