चम्पावत। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को लोहाघाट में बने ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण कर ग्रोथ सेंटर के भवन का सुदृढ़ीकरण तथा लौह बर्तन एवं कृषि यंत्र उत्पादन मशीनों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लगभग 11 करोड़ 93 लाख की सात विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण के साथ ही लगभग 18 करोड़ 65 लाख लागत की 12 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के निरीक्षण के दौरान कहा कि ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अच्छा उदाहरण है, इसलिए ग्रोथ सेंटर से जुड़े लोगों के स्किल डेवलवमेंट की भी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र नरियाल गांव का भी भ्रमण किया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जनपद में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने शासकीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए विकास कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोरोना से निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। कोरोना संक्रमण वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग लोगों से वार्ता करें तथा वे जिस काम में रुचि रखते हैं, उस कार्य के लिए उन्हें और अधिक प्रोत्साहित कर उन्हें लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद स्वरोजगार को बढ़ावा देना है तथा प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी करना है, इसलिए नियोजित तरीके से खपत की पूर्ति करने के लिए एक बेहतर योजना होनी चाहिए। उन्होंने पशुपालन विभाग को पोल्ट्री के क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य परिणात्मक होना चाहिए। मनरेगा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक व्यक्तियों का पंजीकरण कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत एक रुपये में पानी के कनेक्शन दिये जा रहे हैं, इसलिए विभाग प्रत्येक दिन का लक्ष्य निर्धारित कर धरातलीय कार्य करें, इसके लिए उन्होंने ग्राम व न्यायपंचायत स्तर पर कार्य योजना तैयार करने निर्देश दिए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी प्राप्त होगा। जिला योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि धनराशि का व्यय रोजगारपरक योजनाओं पर अनिवार्य रूप से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा प्रत्येक व्यक्ति को रोजगारपरक योजनाओं से लाभान्वित करना है इसलिए स्थानीय आवश्यकताओं के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन निर्णय ले, ताकि आम जनमानस को योजनाओं का वास्तिवक लाभ मिल सके। उन्होंने पिरूल से बिजली उत्पादन की अत्यधिक संभावनाओं को देखते हुए कहा कि लोगों को इसके लिए प्रेरित एवं जागरूक करें, जिससे वनाग्नि को काफी हद तक रोका जा सकता हैं एवं लोगों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता है।
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