जिंदगी नहीं है सोशल मीडिया : शेफाली वैद्य

0
389

एमसीयू की ऑनलाइन व्याख्यानमाला ‘स्त्री शक्ति संवाद’ में ‘सोशल मीडिया और नरेटिव’ विषय पर सोशल मीडिया विशेषज्ञ शेफाली वैद्य ने रखे विचार

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ऑनलाइन व्याख्यानमाला ‘स्त्री शक्ति संवाद’ के समापन सत्र में प्रख्यात ब्लॉगर एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ सुश्री शेफाली वैद्य ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया किसी भी व्यक्ति की जिंदगी नहीं हो सकती। यह सिर्फ हमारी जिंदगी का एक हिस्सा मात्र है। इसलिए अधिक लाइक और शेयर नहीं आने पर निराश नहीं होना चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग संभल कर और सावधानी से करना चाहिए। हमें फेक न्यूज़ शेयर करने से बचना चाहिए। अपनी व्यक्तिगत तस्वीरें और जानकारी भी सोशल मीडिया में साझा करने से बचाना चाहिए, अन्यथा हमारी निजता पर संकट आ सकता है। ज्ञात हो कि ट्वीटर पर शेफाली वैद्य को लगभग 5 लाख लोग फॉलो करते हैं।

Advertisment

‘सोशल मीडिया और नरेटिव’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सुश्री वैद्य ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से आप अपना नरेटिव स्थापित कर सकते हैं। आज आपके पास एक माध्यम है, जहाँ आप अपने विचार को रख सकते हैं। विमर्श स्थापित करने में अब किसी का एकाधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ भी अपना नरेटिव स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़े उदाहरण हैं, जिन्होंने भारत में पहली बार सोशल मीडिया का उपयोग करके अपना विचार लोगों तक पहुँचाया और राजनीतिक सफलता हासिल की।

उन्होंने कहा कि नरेटिव एक-दो दिन में स्थापित नहीं होते, काफी समय लगता है। नरेटिव स्थापित करने के लिए आपके पास अपने विचार या विषय की तार्किक जानकारी, प्रमाणित तथ्य और कथ्य होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर नागरिक अपनी परेशानियों को सीधे सरकार तक पहुंचा सकता है। लोगों की समस्यायों के समाधान में सोशल मीडिया प्रभावी सिद्ध हो रहा है। भारतीय रेलवे का उदाहरण देते हुए शेफाली वैद्य ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण यह संभव हुआ कि यात्रा के दौर किसी प्रकार की असुविधा होने पर यात्रियों ने शिकायतें ट्वीट कीं और उसी समय उनकी शिकायतों का निरकरण हुआ। आज सरकार तक हमारी पहुँच है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से नागरिक अब कई खबरों की पूर्ण सत्यता को भी सामने लाने में सक्षम हुए हैं। किसी भी मीडिया समूह द्वारा यदि कोई गलत खबर दिखाई या छापी जाती है तो नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से उस खबर की वास्तविकता लोगों तक पहुंचा देते हैं। आज अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है। सोशल मीडिया के माध्यम से स्थानीय बोलियों और भाषाओं बढ़ावा मिल रहा है। सोशल मीडिया के कारण प्रतिभाशाली लोग अपनी विशेषता से दुनिया को परिचित करा पा रहे हैं। सूचना और समाचारों की पहुँच बढ़ी है। पहले जो खबरें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पता ही नहीं चल पाती थीं, अब वहां तक प्रति क्षण खबरें पहुँच रही हैं।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here