लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी जनपदों के जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में कल दिनांक 20 अप्रैल, 2020 से लाॅक डाउन के दौरान गतिविधियों में छूट के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें और उनसे शासन को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि 19 ऐसे संवेदनशील जनपदों जिनमें 10 या उससे अधिक के कोरोना पाॅजिटिव केसेज पाए गए हैं, के भी जिलाधिकारी सजगता और सतर्कता के आधार पर निर्णय लें। यह निर्णय हाॅट स्पाॅट वाले क्षेत्रों में किसी छूट के लिए लागू नहीं होगा। हाॅट स्पाॅट वाले क्षेत्रों में मेडिकल, स्वच्छता तथा डोर स्टेप डिलीवरी सम्बन्धी गतिविधियां ही संचालित की जा सकेगी। अन्य कोई भी नई गतिविधि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन की अवधि तक उसका शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के जिलाधिकारियों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से सोशल डिस्टेंसिंग और लाॅक डाउन के मानकों का उल्लंघन न हो। जनपद स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, डी0आई0जी0, आई0जी0, ए0डी0जी0, एस0पी0, एस0एस0पी0, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी, उद्यमी आदि परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए। एक्सप्रेस-वे, हाईवे तथा अन्य निर्माण के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। शासन द्वारा किसानों की उपज को क्रय केन्द्रों के अलावा, उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की जाए। हाॅट स्पाॅट के साथ ही अन्य सभी स्थलों को व्यापक स्तर पर सैनेटाइज किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च के अन्तिम दिनों में बाहर से प्रदेश में आए प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों में पहुंचाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह सभी क्वारण्टीन की अवधि पूर्ण कर चुके हैं किन्तु फिर भी उन्हें होम क्वारण्टीन किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर अलग-अलग टीम गठित कर प्रत्येक टीम को अलग जिम्मेदारी दी जाए और उसका प्रभावी अनुश्रवण किया जाए। निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में भी कार्यवाही करते हुए उनके चारे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में अध्ययनरत लगभग 08 हजार छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वापस लाया गया है। इन सभी के होम क्वारण्टीन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी नया व्यक्ति यदि बाहर से आता है, तो उसके मूवमेण्ट पर नजर रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। हर गांव व कस्बे में वाॅलण्टियर्स की सहायता से यह कार्य किया जाए। यह वाॅलण्टियर्स युवक मंगल दल, एनसीसी, एएसएस, ग्राम चौकीदार, नेहरू युवा केन्द्र आदि के हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए व्यक्ति को हर हाल में क्वारण्टीन किया जाए। यह देखा जाए कि मण्डी, बैंक, राशन व दवा की दुकान आदि पर भी सोशल डिस्टंेसिंग में किसी भी प्रकार की कोताही न हो। उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन को भी रोका जाना सुनिश्चित किया जाए। मीडिया ब्रीफिंग शासन स्तर पर नियमित रूप से प्रतिदिन की जा रही है। यदि स्थानीय स्तर पर इसकी आवश्यकता होती है, तो सावधानी बरतते हुए पूरी तथ्यपरक जानकारी और तैयारी के साथ मीडिया को अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 23 अप्रैल, 2020 से रमजान माह प्रारम्भ होने जा रहा है। इस सम्बन्ध में भी धर्मगुरुओं, मौलवियों व मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। सभी धार्मिक कार्य घर से ही सम्पन्न किए जाएं।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश चन्द्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।