जीवन पथ……….मंजिल अनजान ,फासलों में ढलती जाऊं यूही,

जीवन पथ मैं भी पथिक, तू भी पथिक, इस जीवन पथ पर चलते रहे, मैं और मेरी जिंदगी, इस पथ पर चले जा रहे थे, तरु की शीतल छाया जैसे, तुम मिल गए मुझे, तो लगा कितने तनहा थे यह रास्ते, पथ पर साथ चलते- चलते, तुम हमसफर बन गए , जब हम साथ चलने … Continue reading जीवन पथ……….मंजिल अनजान ,फासलों में ढलती जाऊं यूही,