कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में पिछली दो जुलाई की रात को विकास और उसके साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस सिलसिले में पुलिस अब तक विकास के पांच साथियों को ढेर कर चुकी है। विकास की कल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी की गयी थी। पुलिस दल उसे लेने चार्टर प्लेन से उज्जैन गया था लेकिन वापसी में उसे सड़क मार्ग से लाने का फैसला किया गया। इधर, कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह भौंती क्षेत्र के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने पत्रकारों को बताया कि विकास को गुरूवार को उज्जैन के महाकाल क्षेत्र में गुरूवार को गिरफ्तार किया गया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर सुरक्षा बल कानपुर लेकर आ रहे थे कि भौंती क्षेत्र के पास वाहन पलट गया, जिससे पुलिस और एसटीएफ के चार जवान घायल हो गये।
उन्होने बताया कि जवानो के घायल होते ही विकास ने एक जवान की पिस्टल लेकर भागने का प्रयास किया। पुलिस टीम ने उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिये कहा, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जबाबी फायरिंग की गयी, जिसमें विकास घायल हो गया। उसे लाला लाजपत राय अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे के करीब विकास को ले जा रहा वाहन संचेडी क्षेत्र के बाराजोड़ टोल प्लाजा से पास हुआ, जिसके पीछे मीडियाकर्मियों के वाहन थे जिन्हे टोल प्लाजा के पास चेकिंग के नाम पर राेका गया। पत्रकारों की रोके जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी से करीब 20 मिनट तक तक बहस हुयी जिसके बाद सभी वाहनो को जाने दिया गया।
आगे जाकर कानपुर नगर की सीमा में दाखिल होने के कुछ ही मीटर की दूरी पर विकास का वाहन पलटा हुआ था हालांकि तब तक हिस्ट्रीशीटर को घायल अवस्था में पुलिस अस्पताल ले जा चुकी थी। पुलिस के मुताबिक वाहन पलटते ही विकास पुलिस जवानो की पिस्टल छीन कर खेतों की ओर भागा था। खेत पर गिरे खून के निशान पुलिस के दावे की पुष्टि कर रहे थे। विकास के सीने और कमर में गोलियाे के निशान देखे गये हैं।
सूत्रों ने बताया कि गुरूवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार हुये विकास को पुलिस अभिरक्षा में सड़क मार्ग से कानपुर ला रहा था। उसे सुबह दस बजे अदालत में पेश करना था। संचेडी क्षेत्र तक सब कुछ ठीकठाक था लेकिन बर्रा और भौंती क्षेत्र की सीमा के नजदीक किसान नगर में पीएसआईटी इंस्टीट्यूट के पास पुलिस का वाहन पलट गया। वहीँ, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की और साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।इधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुये ट्वीट किया कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट किया कि जिसका था अंदेशा वही हो गया,कानपुर काण्ड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुँह खोलता तो कई बड़े नेता और अफ़सर नहीं रहते अपना मुँह खोलने लायक! कोई तो बड़ा शख़्स है,इसके पीछे जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता उससे पहले बंद कर दी गयी वो ज़ुबान।
ये तो हमने कभी सोचा ही नहीं था
बॉलीवुड सेलेब्स तापसी पन्नू ट्वीट कर कहती हैं- क्या बात है ये तो हमने कभी सोचा ही नहीं था, और फिर हम लोग बॉलीवुड पर ये आरोप लगाते हैं कि वो वास्तविकता से दूर है.
विकास दूबे मामले में मानवाधिकार आयोग को शिकायत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस अभिरक्षा में भागने का प्रयास करने के दौरान मारा गया कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के मामले में पुलिस की कार्यशैली को लेकरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गयी है।
समाजसेवी डा नूतन ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि विकास दूबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद गैरकानूनी कार्य किये हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है।