नई शिक्षा नीति आधुनिकता: निशंक ने कहा- अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता ‘शिक्षा’ और ‘शिक्षा नीति’ से होकर ही गुजरता है

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नई शिक्षा नीति

नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता ‘शिक्षा’ और ‘शिक्षा नीति’ से होकर ही गुजरता है और हमारी नई शिक्षा नीति आधुनिकता के सभी आयामों के साथ बहु विषयक और बहुभाषी पक्षों को भी लेकर चल रही है। आईआईटी रूडकी द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए डॉ. निशंक ने कहा कि इस संस्थान की कुशलता और क्षमता का पता कोविड महामारी के दौरान किए गए इसके कार्यों से चलता है। यह संस्थान ऑनलाइन शिक्षा के साथ ही थेरैप्युटिक इंटरवेंशंस, सर्विलांस स्ट्रेटजी, डायग्नोस्टिक टूल्स के क्षेत्र में रिसर्च तथा कम्युनिटी के बीच जागरूकता फ़ैलाने का महत्वपूर्ण कार्य कुशलता के साथ करता रहा है। इसके अलावा कम कीमत वाले पोर्टेबल वेंटीलेटर ‘प्राणवायु’का निर्माण, फेस शिल्ड के लिए थ्री डी प्रिंटेड फ्रेम, फेस मास्क के लिए नैनो कोटिंग सिस्टम का प्रयोग, पीपीई किट, बहुत ही कम समय में कोविड की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर, स्टरलाइजेशन बॉक्स ‘यूनीसेवियर बॉक्स’, ‘कोरोनाअवन’तथा ‘कम्युनिटी किचन’जैसे कार्यक्रम तथा आविष्कारों के माध्यम से पूरे मानव जाति की सेवा में इस संस्थान ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

डॉ. निशंक ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा आईआईटी रुड़की में एक लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स, सेंट्रलाइज्ड हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग प्लांट (एचवीएसी) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के उद्घाटन के दौरान कहा कि आईआईटी रुड़की नवाचार तथा अत्याधुनिक विचारों को प्रोत्साहित करने एवं अपने छात्रों, संकाय सदस्यों और अनुसंधान विशेषज्ञों को उचित माहौल प्रदान करने के लिए हमेशा से ही प्रयासरत रहा है। आज, वैश्विक मानकों के अनुरूप तथा उन्नत तकनीकी सुविधाओं से युक्‍त, नई आधारिक संरचना के विकास में आईआईटी रुड़की ने एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। यहाँ एक साथ तीन प्रोजेक्टस का उद्घाटन एक बड़ी उपलब्धि है। यह तीनों प्रोजेक्ट भारतीय संस्थानों की ताकत, उनकी प्रौद्योगिकी क्षमता, कुशलता और आत्मनिर्भरता का स्पष्ट प्रमाण है।

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उन्होनें कहा कि हमारी धारणा यही होती है कि उच्च शिक्षा से जुड़े छात्र कृषि क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं परंतु आईआईटी रुड़की इस बात का अपवाद है। यह एग्रीमेंट एडवाइजरी सर्विसेज, ऑन फार्म वॉटर मैनेजमेंट, एग्रोमेट फील्ड यूनिट आदि प्रयासो के माध्यम से किसानों की आय, उनकी उत्पादकता के क्षेत्र में तो कार्य कर ही रहा है, साथ ही अपने एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन्स के माध्यम से हमारे किसान भाइयों को जागरूक तथा आत्मनिर्भर भी बना रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता ‘शिक्षा’ और ‘शिक्षा नीति’ से होकर ही गुजरता है और हमारी नई शिक्षा नीति इंडिया, इंटरनेशनल, इंपैक्टफुल, इंटरएक्टिव और इंक्लूसिविटी के तत्वों को एक साथ समाहित करती है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में हमारी शिक्षा नीति आधुनिकता के सभी आयामों के साथ बहु विषयक और बहुभाषी पक्षों को भी लेकर चल रही है।

उन्होनें इस कार्यक्रम के माध्यम से आईआईटी रूडकी सहित सभी शिक्षण संस्थानों का नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए आह्वान किया और कहा कि इस नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु अपने नेशनल तथा इंटरनेशनल ब्रांड एलुमनाई का एक नेटवर्क तथा टास्क फोर्स बनाइए और अपने अनुभव, अपने एक्सपर्टीज, अपने ज्ञान, अपनी विद्या का दान कीजिए ताकि बाकि लोग भी इससे लाभान्वित हो सकें। आप रास्ता दिखाइए, युक्ति के साथ जुड़िये. आप सभी शिक्षा नीति के अहम हिस्से हैं; आप सभी शिक्षा नीति के ब्रांड एंबेसडर हैं।’

उन्होंने कहा कि यह देश की नीति है जिसमें सबका हित निहित है। जिस प्रकार का विस्तृत विमर्श, मंथन और चिंतन नीति के प्रथम चरण में हमें मिला वैसी ही समावेशी सोच के साथ क्रियान्वयन में भी हमें सबका साथ, सबका विश्वास मिलेगा। नई शिक्षा नीति’ के क्रियान्वयन तथा शिक्षा को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में पूरी ‘टीम इंडिया’ मिलकर काम करे। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री संजय धोत्रे, आईआईटी रूडकी के निदेशक प्रो अजीत के चतुर्वेदी, आईआईटी रूडकी के उपनिदेशक प्रो.मनोरंजन परिदा, विभिन्न विभागों के डीन, एसोसिएट डीन, प्रोफेसर इन चार्ज, रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार एवं आईआईटी रूडकी के अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।

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