नयी दिल्ली ।ब्रह्मोस ने युद्ध पोतों को ध्वस्त करने और जमीन पर लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता हासिल कर तीनों सेनाओं के लिए उपयोगी हथियार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। ब्रह्मोस का पहला परीक्षण वर्ष 2001 में किया गया था और उसके बाद से अब तक इसके विभिन्न परीक्षण किए गए हैं जो युद्ध पोतों और लड़ाकू विमानों से किए गए हैं।नौसेना ने युद्धपोत रोधी ब्रह्मोस मिसाइल का मंगलवार को सफल परीक्षण किया।
परीक्षण के दौरान मिसाइल ने नौसेना के एक पुराने और बेड़े से बाहर किए जा चुके युद्धपोत पर सटीक निशाना साधा।
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा रूस की कंपनी एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है
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