मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ,उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के दावों और जमीनी हकीकत में बहुत अंतर है। कोरोना पीड़ित और तीमारदार आज ऑक्सीजन, बेड, रेमेडिसिवर के लिये जगह-जगह भटक रहे हैं लेकिन सरकार के विज्ञापनों में सबको ऑक्सीजन, बेड, अस्पताल आसानी से मिल जा रहा है। सरकार के आंकड़े, विज्ञापन और वास्तविक स्थिति का कोई सामंजस्य नहीं दिख रहा है। मात्र विज्ञापन छपवाने से पीड़ितों को ऑक्सीजन नहीं मिल जायेगा। ऑक्सीजन की कमी से कोविड अस्पताल घोषित होने के बाद भी अस्पताल मरीज भर्ती नहीं कर रहे हैं।
विज्ञापन में चारो ओर ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। ट्रेन ऑक्सीजन टैंकर ढो-ढो कर ला रही है और एक ऑक्सीजन सिलेंडर भराने के लिये 2 दिन लाईन लगाने वाले अभी भी खाली हाथ हैं। सरकार का कहना है कि कालाबाजारी नहीं होने पायेगी जबकि सरकारी विज्ञप्ति में आपदा को अवसर में बदलने वाले 44 कालाबाजारी करने वाले धरे गये।
बार-बार सरकार के लोग यह कह कर सत्य का गला घोटना चाहते हैं कि जो लोग अफवाह फैलायेंगे उनसे कड़ाई से निपटा जायेग। ऐसे लोगों से जरूर निपटे लेकिन कोविड पीड़ितों और उनके तीमारदारों की तबाही भी बंद कर दें।सरकार पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को अर्दब में लेना चाह रही है। मुख्यमंत्री जब होगा तब यही धमकी देते हैं कि घर गिरवा देंगे।भाजपा के पाप का घड़ा भर गया है, जिसे पंचायत चुनाव में ही जनता फोड़ देगी। यदि कुछ कसर बाकी रहा तो प्रदेश की जनता 2022 के विधानसभा चुनाव का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। 2022 में जब यूपी भाजपा मुक्त हो जायेगी तभी जनता खुशहाल हो पायेगी।