मुख्यमंत्री ने जनपद मीरजापुर, भदोही, शामली, बरेली, अमेठी तथा सन्त कबीर नगर के 06 एल-2 कोविड चिकित्सालयों का लोकार्पण किया
प्रत्येक जनपद में एल-01 चिकित्सालय की श्रृंखला, एल-2 डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय की स्थापना और उच्च चिकित्सा
संस्थान व मेडिकल काॅलेजों में एल-3 कोविड चिकित्सालय के निर्माण को तेजी से बढ़ाने का काम किया गया
प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की
रिकवरी रेट को बेहतर करके आम जनमानस में विश्वास पैदा किया
सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर और एच0एफ0एन0सी0 की सुविधा उपलब्ध
कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही
कोविड-19 के उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव, सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा माध्यम
सतर्कता के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ का पालन करना अत्यन्त आवश्यक
लखनऊ: 30 सितम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से जनपद मीरजापुर, भदोही, शामली, बरेली, अमेठी तथा सन्त कबीर नगर के 06 एल-2 कोविड चिकित्सालयों का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ से अधिक कोविड-19 के टेस्ट भी आज सम्पन्न हुए हैं, यह एक रिकाॅर्ड है। प्रत्येक जनपद में एल-01 चिकित्सालय की श्रृंखला, एल-2 डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय की स्थापना और उच्च चिकित्सा संस्थान व मेडिकल काॅलेजों में एल-3 कोविड चिकित्सालय के निर्माण को तेजी से बढ़ाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की। साथ ही, रिकवरी रेट को बेहतर करके आम जनमानस में विश्वास पैदा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब प्रदेश में टीम वर्क से सम्भव हुआ। इस टीम वर्क का ही परिणाम है कि आज हम 06 एल-2 कोविड चिकित्सालय प्रदेशवासियों की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में 36 ऐसे जिले थे, जहां वेंटिलेटर या एच0एफ0एन0सी0 की कोई सुविधा नहीं थी। आज सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर और एच0एफ0एन0सी0 की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां थीं। प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के साथ ही टेस्टिंग क्षमता को विकसित करने की। जिस प्रदेश में टेस्टिंग की कोई क्षमता न रही हो, उस प्रदेश द्वारा आज डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन किये जाने की क्षमता का विकास यह दर्शाता है कि कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जनपदों के जनप्रतिनिधियों/अधिकारियों से अपील की कि हमें हर हाल में संक्रमण को रोकना व सतर्क रहकर चेन को तोड़ना होगा, ताकि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव है। सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। सतर्कता के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है। एल-2 और एल-3 कोविड अस्पतालों में वर्चुअल आई0सी0यू0 की भी व्यवस्था की गयी है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश मंे आमजन को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
ज्ञातव्य है कि जनपद मीरजापुर के ट्राॅमा सेण्टर को पूर्णरूप से सुसज्जित एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 50 शैय्याओं की सुविधा है, जिसमें 23 आई0सी0यू0 बेड, 18 वेंटिलेटर, 05 एच0एफ0एन0सी0 तथा ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 01 निश्चेतक, 01 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 15 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद भदोही औरई ट्राॅमा सेण्टर को पूर्णतः सुसज्जित कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 15 आई0सी0यू0 बेड, 12 वेंटिलेटर, 03 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद शामली में जिला संयुक्त चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 20 आई0सी0यू0 बेड, 14 वेंटिलेटर तथा 01 वाईपेप उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 01 फिजीशियन, 01 बाल रोग विशेषज्ञ एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद बरेली में 300 बेडेड चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 136 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 19 आई0सी0यू0 बेड, 14 वेंटिलेटर तथा 05 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 11 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 35 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद अमेठी में मलिक मोहम्मद जायसी संयुक्त जिला चिकित्सालय को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 102 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 12 आई0सी0यू0 बेड, 10 वेंटिलेटर तथा 02 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 05 निश्चेतक, 03 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 18 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद सन्त कबीर नगर में एम0सी0एच0 विंग को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 50 शैय्या उपलब्ध हैं, जिसमें 14 आई0सी0यू0 बेड, 11 वेंटिलेटर तथा 03 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध हंै। इस चिकित्सालय में 03 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 02 बाल रोग विशेषज्ञ तथा 01 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 23 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश पासी, ऊर्जा राज्य मंत्री रमा शंकर सिंह पटेल, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से जनपद मीरजापुर, भदोही, शामली, बरेली, अमेठी तथा सन्त कबीर नगर के 06 एल-2 कोविड चिकित्सालयों का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ से अधिक कोविड-19 के टेस्ट भी आज सम्पन्न हुए हैं, यह एक रिकाॅर्ड है। प्रत्येक जनपद में एल-01 चिकित्सालय की श्रृंखला, एल-2 डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय की स्थापना और उच्च चिकित्सा संस्थान व मेडिकल काॅलेजों में एल-3 कोविड चिकित्सालय के निर्माण को तेजी से बढ़ाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की। साथ ही, रिकवरी रेट को बेहतर करके आम जनमानस में विश्वास पैदा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब प्रदेश में टीम वर्क से सम्भव हुआ। इस टीम वर्क का ही परिणाम है कि आज हम 06 एल-2 कोविड चिकित्सालय प्रदेशवासियों की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में 36 ऐसे जिले थे, जहां वेंटिलेटर या एच0एफ0एन0सी0 की कोई सुविधा नहीं थी। आज सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर और एच0एफ0एन0सी0 की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां थीं। प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के साथ ही टेस्टिंग क्षमता को विकसित करने की। जिस प्रदेश में टेस्टिंग की कोई क्षमता न रही हो, उस प्रदेश द्वारा आज डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन किये जाने की क्षमता का विकास यह दर्शाता है कि कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जनपदों के जनप्रतिनिधियों/अधिकारियों से अपील की कि हमें हर हाल में संक्रमण को रोकना व सतर्क रहकर चेन को तोड़ना होगा, ताकि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव है। सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। सतर्कता के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है। एल-2 और एल-3 कोविड अस्पतालों में वर्चुअल आई0सी0यू0 की भी व्यवस्था की गयी है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश मंे आमजन को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
ज्ञातव्य है कि जनपद मीरजापुर के ट्राॅमा सेण्टर को पूर्णरूप से सुसज्जित एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 50 शैय्याओं की सुविधा है, जिसमें 23 आई0सी0यू0 बेड, 18 वेंटिलेटर, 05 एच0एफ0एन0सी0 तथा ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 01 निश्चेतक, 01 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 15 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद भदोही औरई ट्राॅमा सेण्टर को पूर्णतः सुसज्जित कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 15 आई0सी0यू0 बेड, 12 वेंटिलेटर, 03 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद शामली में जिला संयुक्त चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 20 आई0सी0यू0 बेड, 14 वेंटिलेटर तथा 01 वाईपेप उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 01 फिजीशियन, 01 बाल रोग विशेषज्ञ एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद बरेली में 300 बेडेड चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 136 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 19 आई0सी0यू0 बेड, 14 वेंटिलेटर तथा 05 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 02 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 11 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 35 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद अमेठी में मलिक मोहम्मद जायसी संयुक्त जिला चिकित्सालय को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 102 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 12 आई0सी0यू0 बेड, 10 वेंटिलेटर तथा 02 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में 05 निश्चेतक, 03 फिजीशियन, 03 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 18 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।
जनपद सन्त कबीर नगर में एम0सी0एच0 विंग को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 50 शैय्या उपलब्ध हैं, जिसमें 14 आई0सी0यू0 बेड, 11 वेंटिलेटर तथा 03 एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध हंै। इस चिकित्सालय में 03 निश्चेतक, 02 फिजीशियन, 02 बाल रोग विशेषज्ञ तथा 01 एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक तथा 23 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश पासी, ऊर्जा राज्य मंत्री रमा शंकर सिंह पटेल, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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