प्रयागराज : जरूरत पड़ी तो देश के लिए बॉर्डर पर जाएंगे नागा संन्यासी, विहिप भी आक्रोश में

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ब्रेकिंग न्यूज एक्सप्रेस
प्रयागराज। भारत- चीन सीमा- विवाद के चलते हिंसक झड़प में हमारे देश के 20  से अधिक जवान शहीद हो गए, जिसको लेकर पूरा देश चीन की इन बेजा हरकतों से नाराज है। देश के नागरिक पीएम मोदी को भरोसा दिला रहे है कि पूरा देश आपके साथ है। हम चीन की एक एक हरकत का जवाब देने में सक्षम है। इसी कड़ी में साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी चीन को सबक सिखाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर मामले में चीन से निपटने में सक्षम है। लेकिन इस संकट की घडी में धर्म की रक्षा करने वाले नागा संन्यासी भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा पर कूच करेंगे।

महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि नागा सन्यासियों को शास्त्र  और धर्म के प्रचार प्रसार की शिक्षा के साथ साथ सीमाओं की रक्षा के लिए शस्त्र की भी शिक्षा दी जाती है। देश सीमाओं पर हमारे सैनिक बखूबी रक्षा का काम कर रहे  है .इसी लिए नागा साधु अपने अपने मठों में पूजा अर्चना का काम कर रहे है। उन्होंने कहा है कि नागा संन्यासियों के लिए भी देश सर्वोपरि है .और धर्म उसके बाद में है. ऐसे में अगर देश को जरुरत पड़ी तो सरकार के एक इशारे पर लाखों की तादात में नागा संन्यासी भी देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए कूच करेंगे।
महंत ने आगे बताया कि देश की सीमाएं हमेशा सुरक्षित रहे इसके लिए मठों और मंदिरों में हमेशा ही हनुमान चालीसा का पाठ  होता रहता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि 1962 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। जिसमें भारत को पराजय का मुंह देखना पड़ा था और चीन भारत के एक बड़े भूभाग पर कब्जा भी कर लिया था. जिसे आज अक्साई चीन के रुप में जाना जाता है. लेकिन आज स्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं। इधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने आम जनता से चीन की वस्तुओं तथा मोबाइल ऐप के साथ उसका पूर्णरूप से बहिष्कार करने की अपील की है, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट जाए। रही-सही कसर हमारा कुशल और सक्षम नेतृत्व तथा जांबाज रणबांकुरे सैनिक सीमा पर पूरा कर ही लेंगे।
विहिप के केन्द्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने गुरुवार को कहा कि चीन के हिंसक हमले में 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान होने से सम्पूर्ण देश स्तब्ध और आक्रोशित है। अमर जवानों की वीरता को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि सामंतवादी तथा विस्तारवादी भूख अब चीन को कहीं का नहीं छोड़ेगी।

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श्चीरी परांडे ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे यह समझ लेना चाहिए कि जिससे उसने पंगा लिया है वह 1962 का नहीं बल्कि 2020 का भारत है। जिसके सक्षम नेतृत्व, सैन्य ताकत तथा देशवासियों की एक जुटता को पूरा विश्व अच्छी तरह जानता है।
विहिप महामंत्री ने कहा कि आज विश्व का जनमत लाखों निरीह लोगों की जान लेने वाले कोरोना के जनक चीन से बुरी तरह क्रुद्ध है। भारत सरकार को इसकी करतूतों को विश्व पटल पर और प्रखरता से उठाते हुए हमारे हुतात्मा जवानों का बदला ईंट का जबाब पत्थर से देने कर इसे पूरी तरह कुचलने की रणनीति अपनानी होगी। उसके बिना यह बाज आने वाला नहीं।
श्री परांडे ने यह भी कहा कि चीन के दुस्साहस के विरुद्ध हमारे कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग तरीकों से देशभर में अपना विरोध प्रदर्शन प्रारम्भ कर ही दिया है लेकिन अब इसकी करतूतों व षडयंत्रों का पूरी तरह से पर्दाफाश करने के लिए विहिप तथा उसकी युवा शाखाएं बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता देश भर में घर घर जाकर अलख जगाएंगे जिससे चीन की रीड की हड्डी पर गहरी चोट की जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के माध्यम से विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट कर लाखों लोगों की जान लेने वाले चीनी षडयंत्रों को भी सम्पूर्ण विश्व भली-भाँती जान चुका है। अपने पापों से पर्दा डाल, दुनिया का ध्यान भटका कर भारत की ओर कु-दृष्टि रखने वाले को अब भारत की जनता भी मुँह तोड़ जबाव देगी। अक्साई चीन भारत का था और रहेगा, यह हमारा दृढ़ संकल्प है। सामंतवादी तथा विस्तारवादी भूख अब चीन को कहीं का नहीं छोड़ेगी।

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