प्रवासी मजदूरों को संकट खत्म होते ही उनके घर पहुंचाएगी महाराष्ट्र सरकार 

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मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य को सहयोग मिल रहा है। वह इसे लेकर हो रही राजनीति में नहीं पड़ने वाले हैं। कोरोना जैसी भयावह बीमारी में स्वयंसेवी संगठन व दानदाता भारी मात्रा में सरकार को मदद कर रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार के पास कोरोना से निपटने के लिए पैसे की कमी नहीं है। सिर्फ सभी नागरिक घर में रहकर सरकार को सहयोग करें। राज्य सरकार संयम के साथ इस बीमारी से निपटने में सफल होगी।   मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के ग्रीन जोन व ऑरेंज जोन में आंशिक तौर पर उद्योग-धंधे सोमवार से शुरू किए जा रहे हैं। इसके लिए सामानों की ढुलाई की अनुमति दी जा रही है लेकिन राज्य में लॉकडाउन 3 मई तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रवासी मजदूर किसी भी तरह की चिंता न करें। उनकी केंद्र सरकार से चर्चा जारी है। साथ ही राज्य में उद्योग-धंधे शुरू हो रहे हैं। इस समय की स्थिति ठीक नहीं है लेकिन प्रवासी मजदूरों से वादा है कि संकट खत्म होते ही आपको महाराष्ट्र सरकार आपके घर पहुंचाएगी।
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना की लड़ाई महाराष्ट्र बहुत ही संयमित तरीके से लड़ रहा है। यह लड़ाई कब खत्म होगी, इसका इंतजार जिस तरह सभी को है, उसी तरह उन्हें भी है। निजी दवाखानों को शुरू रखने की तैयारी डाक्टरों ने दिखाई है। इसलिए राज्य के नागरिक अपनी बीमारी न छिपाएं। किसी तरह की तकलीफ होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। शनिवार तक राज्य में 67800 लोगों की कोरोना जांच की गई है। इनमें से 95 फीसदी टेस्ट निगेटिव पाए गए हैं। 3600 टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं, इनमें से 52 ही गंभीर हैं। 350 से अधिक लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। सूबे में दो सौ से अधिक लोगों की मौत हुई है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी आवश्यक है। इसी तरह बीमार व्यक्ति को तत्काल उपचार मिलना भी आवश्यक है। अब तक हुई मौतों को देखें तो अधिकांश लोग अंतिम चरण में अस्पताल में गए हैं। कोरोना की जांच के लिए जो समय लगता है, उसी समय में ही कई मरीजों की मौत हुई है। इसलिए ’जल्द अस्पताल पहुंचो और जल्द स्वस्थ्य हो’ इसका पालन करना आवश्यक है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अनाज वितरण को लेकर शंका की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से अब तक सिर्फ मुफ्त चावल दिया गया है जिसका वितरण सरकार ने करवा दिया है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मुफ्त चावल के साथ दाल व गेहूं भी दिए जाने की मांग की है।
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